सार
दरअसल, बीते दिनों शिवसेना के सीनियर लीडर एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी। वह कई दर्जन विधायकों के साथ पहले सूरत पहुंचे। सियासी पारा चढ़ने के बाद शिंदे अपने विधायकों के साथ असम पहुंचे। वह एक फाइव स्टार होटल में 40 से अधिक विधायकों के साथ डेरा डाले हुए हैं।
मुंबई। महाराष्ट्र में महाअघाड़ी सरकार पर छाए संकट और शिवसेना में बगावत के बीच अब ईडी की भी एंट्री हो चुकी है। शिवसेना की ओर से बागियों से मोर्चा लेने वाले प्रवक्ता संजय राउत को ईडी ने समन भेजा है। ईडी के समन पर संजय राउत ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय मेरी आवाज बंद करना चाहता है। मुझे पता है ईडी को कहां से निर्देश मिला है। उन्होंने कहा कि मर जाउंगा लेकिन गुवाहाटी की राह नहीं जाउंगा। पार्टी के लिए मैं बलि चढ़ने के लिए तैयार हूं। सच्चे शिवसैनिक भागते नहीं हैं।
जेल में डाल दो या गोली मार दो, झुकूंगा नहीं
संजय राउत ने कहा कि कोई चाहे जो कर लें, मैं झुकूंगा नहीं। ईडी को मेरे पीछे लगाकर मेरी आवाज को नहीं दबाई जा सकती है। कोई ज्यादा से ज्यादा क्या कर लेगा जेल में डाल देगा, मुझे गोली मार दी जाएगी लेकिन मैं झुकूंगा नहीं। मेरा जन्म ही शिवसेना में हुआ है।
एनसीपी पसंद नहीं थी तो मंत्री क्यों बनें
शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि शिंदे को एनसीपी अगर इतनी ही नापसंद थी तो वह महा विकास अघाड़ी सरकार में मंत्री क्यों बने। उनको उस समय इनकार कर देना चाहिए था। शिंदे एजेंसियों के डर से यह सब कर रहे हैं। वह एजेंसियों के दबाव में ही भागे हैं। उनको अपने विधायकों के साथ बीजेपी में विलय करना होगा। राउत ने कहा कि सत्ता आती जाती रहती है लेकिन संगठन रहना चाहिए।
शिवसेना में बगावत के बाद महाराष्ट्र में मचा है उथलपुथल
दरअसल, बीते दिनों शिवसेना के सीनियर लीडर एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी। वह कई दर्जन विधायकों के साथ पहले सूरत पहुंचे। सियासी पारा चढ़ने के बाद शिंदे अपने विधायकों के साथ असम पहुंचे। यहां वह एक फाइव स्टार होटल में 40 से अधिक विधायकों के साथ डेरा डाले हुए हैं। शिंदे के पास शिवसेना के 40 बागियों व दस अन्य का समर्थन होने का दावा किया जा रहा है। शिंदे ने 24 जून की रात में वडोदरा में अमित शाह व देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने की संभावनाओं पर वह और बीजेपी के नेताओं ने बातचीत की है। हालांकि, चुपके से देर रात में हुई मुलाकात के बाद शिंदे, स्पेशल प्लेन से वापस गुवाहाटी पहुंच गए।
उधर, शिंदे को पहले तो शिवसेना के नेताओं ने मनाने की कोशिश की लेकिन अब फ्लोर टेस्ट और कानूनी दांवपेंच चला जाने लगा है। दरअसल, शिंदे की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे ने सारे बागियों को वापस आने और मिलकर फैसला करने का प्रस्ताव दिया। उद्धव ठाकरे की ओर से प्रवक्ता संजय राउत ने यह भी कहा कि अगर एनसीपी व कांग्रेस से बागी गुट चाहता है कि गठबंधन तोड़ा जाए तो विधायक आएं और उनके कहे अनुसार किया जाएगा। लेकिन सारे प्रस्तावों को दरकिनार कर जब बागी गुट बीजेपी के साथ सरकार बनाने का मंथन शुरू किया तो उद्धव गुट सख्त हो गया। इस पूरे प्रकरण में शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत मुखर होकर बागियों के खिलाफ मोर्चा लिए हुए हैं।
यह भी पढ़ें:
तीस्ता सीतलवाड़ मामले में संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत ने कहा-वह नफरत व भेदभाव के खिलाफ मजबूत आवाज