सार

महाराष्ट्र में शिवसेना विधायकों के बगावत के बाद अब शह-मात का खेल शुरू हो चुका है। उद्धव की ओर से एनसीपी लीडर शरद पवार की एंट्री होते ही बाजी पलटती नजर आ रही है। मामला अब कोर्ट की शरण तक पहुंच सकता है। 

Maharashtra Political Crisis: शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने शुक्रवार को बागी नेता एकनाथ शिंदे के इस दावे पर पलटवार किया कि पार्टी हिंदुत्व की अपनी विचारधारा से अलग हो रही है। उन्होंने सवाल किया कि कौन सा हिंदुत्व आपको अपनी पार्टी, जो एक परिवार की तरह है, पीठ में छुरा घोंपना सिखाता है? उन्होंने कहा कि विचारधारा के बारे में बात करना भाजपा समर्थित विद्रोह के लिए सिर्फ एक बहाना है।

प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि शिवसेना के बागी विधायकों को मुंबई आकर अपनी बात करनी चाहिए। गुवाहाटी से हमसे बात करने की बजाय, उन्हें  मुंबई के लिए आना चाहिए। हमारा सामना करें। उन्हें आने दें और हमें बताएं। उन्होंने कहा कि गठबंधन पर फैसला हम पर थोपा नहीं जा सकता। हमने उन्हें आने और बोलने के लिए कहा... इसके लिए अब बहुत देर हो चुकी है।

यह पूछे जाने पर कि विधानसभा में कब शक्ति परीक्षण की संभावना है, प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि हम स्पीकर, डिप्टी स्पीकर, राज्यपाल से कहेंगे कि पहले उन विधायकों को वापस जाने के लिए कहें। वे गुवाहाटी होटल से काम नहीं कर सकते।

उद्धव ठाकरे ने की भावुक अपील...

शुक्रवार को शिवसैनिकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भावुक अपील की है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि मान लीजिए कि हमारे साथ कोई नहीं है। आईए अब हमसब मिलकर नई शिवसेना को बनाएं। ठाकरे ने यह भी कहा कि जिनको लगता है कि उनका भविष्य बागी नेताओं के साथ बेहतर हो सकता है वह जान सकता है। पढ़िए पूरी स्टोरी

शिवसेना का असली वारिस कौन?

शिवसेना पर कब्जे के लिए साम-दाम-दंड-भेद के तीर खुलकर छोड़े जा रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शिवसेना के बागी विधायक नेता एकनाथ शिंदे की लीगल टीमें, पार्टी पर दावा को मजबूत करने के लिए मंथन कर रहीं। हालांकि, पार्टी का असली दावेदार कौन होगा यह...पढ़िए पूरी स्टोरी

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