सार
भारी बारिश के बीच मुंबई के मलाड इलाके में बुधवार देर रात करीब 11.10 बजे 4 मंजिला एक रिहायशी इमारत के ढह जाने से 11 लोगों की मौत हो गई। 16 लोग घायल हैं। इनमें 3 बच्चे भी हैं। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। रेस्क्यू रातभर से जारी है। मलबा हटाने का काम लंबा चलेगा। घटना के समय अकेले बिल्डिंग में ही 20 से अधिक लोग मौजूद थे।
मुंबई. मानसून की पहली ही भारी बारिश ने मुंबई को दहला दिया। बुधवार देर रात करीब 11.10 बजे मलाड वेस्ट के मालवणी इलाके में एक चार मंजिला इमारत के ढह जाने से 11 लोगों की मौत हो गई। घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड और पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से मलबे में दबे लोगों को बाहर निकला। हादसे में 16 लोग घायल हैं। इनमें 3 बच्चे भी हैं। इनमें 7 गंभीर रूप से घायल हुए हैं। बचाव कार्य गुरुवार सुबह तक जारी रहा। हालांकि मलबा हटाने का काम लंबा चलेगा। बताया जा रहा है कि अकेले इमारत में ही 20 से अधिक लोग मौजूद थे। घायलों को बीडीबीए नगर जनरल हास्पिटल में भर्ती कराया गया है। हादसे के बाद बृहन्मुंबई नगर निगम(BMC) ने आसपास की तीन अन्य खतरनाक इमारतों को आनन-फानन में खाली करा लिया।
प्रधानमंत्री राहत कोष से मदद
हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। वहीं, महाराष्ट्र के मंत्री असलम शेख ने कहा कि राज्य सरकार मुआवजे के रूप में 5 लाख रुपए देगी।
इमारत के मालिक और ठेकेदार पर केस दर्ज
इस बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घायल हुए लोगों से कांदिवली के अंबेडकर अस्पताल में मुलाकात की। उधर, संयुक्त सीपी(कानून और व्यवस्था) विश्वास नांगरे पाटिल ने बताया-मुंबई पुलिस ने इमारत के मालिक और ठेकेदार के खिलाफ आईपीसी की धारा 304(2)(गैर इरादतन हत्या) में मामला दर्ज किया है। उन्होंने हाल ही में चक्रवात तौकते के बाद इमारत में कुछ बदलाव किए थे।
घनी बस्ती होने से रेस्क्यू में दिक्कत
मौके पर पहुंची रेस्क्यू और राहत टीम को घनी आबादी होने से इमारत तक पहुंचने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और जेसीबी को जैसे-तैसे अंदर तक पहुंचाया गया। जोन-11 के डीसीपी विशाल ठाकुर के मुताबिक, मलबे में कई लोगों के फंसे होने की आशंका थी।
इस बीच मुंबई में बुधवार से शुरू हुई भारी बारिश आज भी बनी रहने की चेतावनी दी गई है। मुंबई के कई निचले इलाकों में पानी भर गया है।