सार

13 अप्रैल, 1999-ये वो दिन है, जिसे इतिहास कभी भूल नहीं सकता। कैसे बैसाखी पर निहत्थे भारतीयों के ऊपर अमृतसर के जलियांवाला बाग(Jallianwala Bagh massacre) में गोलियां बरसाई गई थीं। करीब 10-15 मिनट में 1650 राउंड फायर किए गए थे। इस हत्यकांड का विलेन कर्नल रेजिनाल्ड एडवर्ड हैरी डायर(Colonel Reginald Edward Harry Dyer) था। ऐ मेरे वतन के लोगो, जरा याद करो कुर्बानी...

न्यूज डेस्क. 13 अप्रैल को जलियांवाला बाग नरसंहार (Jallianwala Bagh massacre) हुआ था। 13 अप्रैल, 1999-ये वो दिन है, जिसे इतिहास हमेशा याद रखेगा। कैसे बैसाखी पर निहत्थे हजारों भारतीयों के ऊपर अमृतसर के जलियांवाला बाग में ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गई थीं। चारों तरफ से घिरे बाग से लोगों को भागने का मौका तक नहीं मिला था। करीब 10-15 मिनट में 1650 राउंड फायर किए गए थे। इस हत्याकांड का विलेन कर्नल रेजिनाल्ड एडवर्ड हैरी डायर(Colonel Reginald Edward Harry Dyer) था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डायर को जीवन के आखिरी समय में कई बार स्ट्रोक आए। उसे लकवा मार गया। 23 जुलाई 1927 को उसकी मौत हो गई। बिस्तर पड़े हुए डायर ने कथित तौर पर कहा था-"लोगों कहते हैं कि मैंने सही किया। लेकिन कई लोगों के हिसाब से गलत। मैं केवल मरना चाहता हूं। और अपने निर्माता(ईश्वर) से जानना चाहता हूं कि मैंने सही किया या गलत किया।"

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जलियांवाला बाग बना स्मारक
जलियांवाला बाग में शहीद हुए भारतीयों की यादों को सहेजने 28 मार्च, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलियांवाला बाग स्मारक (Jallianwala smarak) के पुनर्निर्मित परिसर (renovated premises) को राष्ट्र को समर्पित किया था। बता दें कि जालियांवाला बाग अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के करीब है। 13 अप्रैल, 1919 (बैसाखी के दिन) रौलेट एक्ट के विरोध में यहां सभा हो रही थी। तभी जनरल डायर नामक अंग्रेज अफसर ने लोगों पर गोलियां चलवा दी थीं। कहा जाता है कि इसमें 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। 2000 से अधिक घायल हुए थे। हालांकि कुछ आंकड़ों के अनुसार 1000 से अधिक लोगों ने जान गंवाई थी। इस घटना से स्वतंत्रता संग्राम और तेज हो गया था। इसके बाद अंग्रेजी हुकूमत की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी।

PM ने tweet करके दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने जलियांवाला बाग की बरसी पर tweet किया- 1919 में आज के दिन जलियांवाला बाग में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि। उनका अद्वितीय साहस और बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।  मोदी ने पिछले साल जलियांवाला बाग स्मारक के पुनर्निर्मित परिसर के उद्घाटन के अवसर पर अपना भाषण शेयर किया।

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जनरल डायर के बारे में
जनरल डायर(9 अक्टूबर 1864-23 जुलाई 1927) बंगाल सेना और बाद में नवगठित भारतीय सेना का एक अधिकारी था। जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद इसका नाम 'अमृतसर का कसाई' पड़ गया था। डायर का जन्म ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत के मुर्री(अब पाकिस्तान) में हुआ था। इसके पिता एडवर्ड डायर शराब बनाते थे। डायर का बचपन मुर्री और शिमला में गुजरा। शिमला में लॉरेंस कॉलेज घोड़ा गली, मुर्री और बिशप कॉटन स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। 

उधम सिंह लेना चाहते थे बदला
उधम सिंह(Udham Singh) ने जनरल डायर की हत्या करने की कसम खाई थी। वे चंदा जमा करके अमेरिका, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका गए। वहां से भी चंदा जुटाया, ताकि जनरल डायर को मारने लंदन जा सकें।लेकिन इसी बीच ब्रेन हैमरेज से डायर की मौत हो गई। उधम सिंह पर 'सरदार उधम' फिल्म बन चुकी है। यह 2021 में रिलीज हुई थी। इसमें उधम सिंह का किरदार विकी कौशल ने निभाया था।

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