सार

लोकसभा चुनाव 2024 (2024 Lok Sabha elections) में पीएम नरेंद्र मोदी ने भाजपा के लिए 370 और NDA के लिए 400 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। 545 सीटों पर चुनाव होंगे।

 

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 (2024 Lok Sabha elections) के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टारगेट तय कर दिया है। उन्होंने भाजपा के लिए 370 और NDA (National Democratic Alliance) के लिए 400 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। लोकसभा के कुल सीटों की संख्या 545 है।

पीएम मोदी ने शनिवार को भाजपा के कार्यकर्ताओं को दिए इस टारगेट को दोहराया। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “आज की बैठक में सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को रास्ता दिखाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीजेपी को 370 और एनडीए को 400 सीटें जीतनी हैं।” तावड़े ने बताया कि पीएम मोदी ने भाजपा के लिए 370 सीटों का जो लक्ष्य दिया है वह सिर्फ एक नंबर नहीं है। यह भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि है।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी और 370 का महत्व

तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व वाली भारत की पहली कैबिनेट में श्यामा प्रसाद मुखर्जी मंत्री थे। उस वक्त नेहरू और पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम लियाकत अली खान के बीच एक समझौता हुआ था। इसके विरोध में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कैबिनेट छोड़ दिया था। इस समझौता को बाद में नेहरू-लियाकत पैक्ट या दिल्ली पैक्ट के रूप में जाना गया।

नेहरू-लियाकत पैक्ट पर नई दिल्ली में 8 अप्रैल 1950 को साइन किया गया था। यह समझौता भारत के विभाजन और पाकिस्तान के जन्म के बाद हुआ था। विभाजन के दौरान देश के कई हिस्सों (विशेषकर भारत के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों) में सांप्रदायिक दंगों के कारण भीषण रक्तपात हुआ था।

नेहरू-लियाकत पैक्ट अनिवार्य रूप से दोनों देशों में अल्पसंख्यकों को समान नागरिकता देने पर आधारित था। मुखर्जी इस विचार के विरोधी थे। उन्हें लगता था कि भारत और पाकिस्तान का विभाजन धार्मिक आधार पर हुआ था। पाकिस्तान (वर्तमान पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान, अब बांग्लादेश) में हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाएगा।

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जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू करने के खिलाफ थे मुखर्जी

इसके साथ ही मुखर्जी इस बात के भी खिलाफ थे कि अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया जाए। उन्होंने कहा था, "एक देश में दो विधान, दो परिधान और दो निशान नहीं हो सकते।" अनुच्छेद 370 के चलते जम्मू और कश्मीर में भारतीय संसद द्वारा बनाए गए सभी कानून लागू नहीं होते थे। राज्य को अपना अलग झंडा रखने की अनुमति थी। 2019 में मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया था।

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