सार

नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिलने के बाद विरोध तेज हो गया है। जिसके विरोध में एक आईपीएस अधिकारी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही सभी लोगों से इस बिल का विरोध करने की अपील भी की है। 
 

मुंबई. नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिलने के बाद विरोध तेज हो गया है। विरोध के क्रम में एक आईपीएस अधिकारी का भी नाम जुड़ गया है। दरअसल, महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी अब्दुर रहमान ने राज्यसभा से बिल को मंजूरी मिलते ही अपना इस्तीफा दे दिया। 

विधेयक की मैं निंदा करता हूं 

आईपीएस अधिकारी अब्दुर रहमान ने ट्वीट करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 संविधान की मूल विशेषता के विरुद्ध है। मैं इस विधेयक की निंदा करता हूं। मैंने कल से कार्यालय में उपस्थित नहीं होने का फैसला किया है। मैं आखिरकार सेवा छोड़ रहा हूं। 

अब्दुर रहमान ने आगे लिखा, "यह विधेयक भारत के धार्मिक बहुलवाद के खिलाफ है। मैं सभी न्यायप्रिय लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे लोकतांत्रिक तरीके से विधेयक का विरोध करें। यह संविधान की बहुत मूल विशेषता के खिलाफ है।"

राज्यसभा और लोकसभा दोनों जगहों से पास हुआ बिल 

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाया गया नागरिकता संशोधन बिल पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश और अफगानिस्‍तान के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिक प्रदान करने का अधिकार देता है। जिसे सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया था। इस विधेयक को पास करने के लिए समर्थन में 311 वोट मिलें थे जबकि विरोध में 80 मत पड़े थे। जिसक बाद इसे राज्यसभा में पेश किया गया। जहां इस बिल के पक्ष में कुल 230 वोट पड़े, जिसमें पक्ष में 125 वोट और विपक्ष में 105 वोट पड़े। गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक चर्चा के लिए राज्यसभा में पेश करते हुए कहा कि भारत के मुसलमान देश के नागरिक थे, हैं और बने रहेंगे।