सार
कोर्ट ने टुंडा को बरी करने का फैसला सुनाते हुए कहा कि पुलिस ऐसा कोई सबूत नहीं पेश कर सकी जिससे साबित हो कि बम ब्लास्ट की ट्रेनिंग और षड़यंत्र में आरोपी टुंडा का हाथ रहा हो।
Abdul Karim Tunda acquitted from Rohtak serial blast: रोहतक सीरियल बम ब्लास्ट का आरोपी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है। टुंडा, डॉन दाऊद इब्राहिम का करीबी सहयोगी बताया जाता है। 26 साल तक चले इस मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया है। इस सुनवाई के दौरान सीरियल बम ब्लास्ट के 80 गवाहों में 22 कोर्ट तक ही नहीं पहुंच सके। घटना के डेढ़ दशक बाद आरोपी टुंडा अरेस्ट हो सका था लेकिन अब वह बरी कर दिया गया। कोर्ट ने टुंडा को बरी करने का फैसला सुनाते हुए कहा कि पुलिस ऐसा कोई सबूत नहीं पेश कर सकी जिससे साबित हो कि बम ब्लास्ट की ट्रेनिंग और षड़यंत्र में आरोपी टुंडा का हाथ रहा हो।
1997 में हुए थे सीरियल ब्लास्ट
हरियाणा के रोहतक में साल 1997 में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। पहला ब्लास्ट शहर के पुरानी सब्जी मंडी में हुआ। इसके आधा घंटा बाद किला रोड पर ब्लास्ट हुआ। हालांकि, बम बहुत शक्तिशाली नहीं था। बम धमाकों का जांच करने वाली यूपी पुलिस ने दावा किया था कि इन बम धमाकों के पीछे गाजियाबाद के रहने वाले अब्दुल करीब टुंडा का हाथ है। पुलिस ने टुंडा पर दो केस दर्ज किए। लेकिन उसकी गिरफ्तारी होती इसके पहले वह विदेश चला गया था। हालांकि, 2013 में टुंडा जब विदेश से लौटा तो उसे अरेस्ट किया गया। इसके बाद कोर्ट में पहली तारीख 26 अक्टूबर 2013 में लगी। कोर्ट ने इस केस में 69 बार तारीख लगाई। 17 फरवरी 2023 को सारे गवाहों और सबूतों के आधार पर पुलिस ने टुंडा को बरी कर दिया। एडिशनल सेशन जज राजकुमार यादव की कोर्ट ने टुंडा को बरी करते हुए कहा कि पुलिस ने जो आरोप लगाए उसको साबित करने के लिए सबूत पेश नहीं कर सकी। रोहतक ब्लास्ट का मुख्य आरोपी मुहम्मद अमीर खान पहले ही बरी हो चुका है।
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