सार
दिल्ली-NCR में एयर पॉल्युशन के लिए पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं का सबसे बड़ा योगदान माना जा रहा है। पंजाब और दिल्ली सरकार के तमाम दावों के बीच पिछले ती महीने में 30000 से अधिक पराली जलाने के मामले सामने आए हैं। इस बीच दिल्ली में 8,400 से अधिक पुराने वाहन जब्त किए गए हैं।
नई दिल्ली. दिल्ली-NCR में पॉल्युशन(Pollution in Delhi-NCR) के लिए पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं का सबसे बड़ा योगदान माना जा रहा है। पंजाब और दिल्ली सरकार के तमाम दावों के बीच पिछले ती महीने में 30000 से अधिक पराली जलाने के मामले सामने आए हैं। इस बीच दिल्ली में 8,400 से अधिक पुराने वाहन जब्त किए गए हैं। पढ़िए पूरी डिटेल्स...
दिल्ली में एयर पॉल्युशन का मुद्दा राजनीति का कारण भी बना हुआ है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय आज(7 नवंबर) को फिर से एक हाईलेवल मीटिंग की अध्यक्षता की थी। दिल्ली सरकार के अधिकारियों के अनुसार इसमें वायु गुणवत्ता पैनल(air quality panel) के नए निर्देशों और प्राइमरी स्कूलों को फिर से खोलने और 50 प्रतिशत सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने के आदेश को रद्द करने के निर्णय पर भी चर्चा हुई। वहीं, नोएडा में 9 नवंबर से स्कूल फिर खुलने जा रहे हैं। (तस्वीर पटिलयाला की है)
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता अब भी 'बेहद खराब'
दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मंगलवार की सुबह लगातार चौथे दिन 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने बाद में दिन में हल्की बारिश या बूंदा बांदी की भविष्यवाणी की है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, न्यूनतम तापमान मौसम के औसत से तीन डिग्री अधिक 17.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी का 24 घंटे का औसत एक्यूआई मंगलवार सुबह करीब 9.15 बजे 348 रहा। रविवार को एक्यूआई 339 से बढ़कर सोमवार को 354 हो गया था। शनिवार को यह 381 था। दिल्ली में सोमवार को अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो नवंबर के महीने के लिए 2008 के बाद से सबसे अधिक है।
इस साल अब तक 8,400 से अधिक पुराने वाहन जब्त
दिल्ली से इस साल अब तक 8,400 से अधिक पुराने वाहनों को जब्त किया जा चुका है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 188 प्रतिशत अधिक है। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश देकर दिल्ली में क्रमशः 10 साल और 15 साल से पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया था। कोर्ट ने यह भी कहा था कि आदेश का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाए। इसके बाद दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर चलने वाले प्रदूषणकारी वाहनों पर एक बड़ी कार्रवाई शुरू की है।
आंकड़ों से पता चला है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए 2022-23 में 8,444 पुराने वाहन जब्त किए गए, जबकि 2021-22 में 2,931 पुराने वाहन जब्त किए गए थे। आंकड़ों में कहा गया है कि 2022-23 में पॉल्युशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUCC) के बिना 23,212 वाहन चलते पाए गए, जबकि 2021-22 में 29,570 वाहन थे। आंकड़ों से पता चलता है कि 2022-23 में, 60,36,207 PUCC जारी किए गए थे, जबकि 2021-22 में 42,25,946 पीयूसीसी जारी किए गए थे।
पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं 30,000 के पार
पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं ने 30,000 का आंकड़ा पार कर लिया। अकेले सोमवार को राज्य में 2,487 मामले सामने आए। लुधियाना स्थित पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, पराली जलाने की ताजा घटनाओं के साथ 15 सितंबर से 7 नवंबर तक कुलमामले बढ़कर 32,486 हो गए। राज्य ने 2020 और 2021 में इसी अवधि के दौरान क्रमशः 57,696 और 37,933 खेत में आग की सूचना दी।
सोमवार को कुल 2,487 पराली जलाने की घटनाओं में से फिरोजपुर में 353 मामले देखे गए। इसके बाद मोगा में 268, मुक्तसर में 257, बटाला में 256, फरीदकोट में 218, बरनाला में 202, संगरूर में 180, फाजिल्का में 177 और मानसा में 165 मामले सामने आए।
आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में 7 नवंबर को क्रमशः 2020 और 2021 में 4,716 और 5,199 पराली जलाने के मामले सामने आए। वर्तमान में पंजाब के मालवा क्षेत्र के जिलों में पराली जलाने की घटनाओं की संख्या बढ़ रही है। पराली जलाने के कारण, हरियाणा में कई स्थानों पर सोमवार शाम को एयर क्वालिटी इंडेक्स(AQI) 'खराब' और 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया, जबकि पंजाब में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' और 'खराब' श्रेणियों में दर्ज की गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, हरियाणा के फरीदाबाद ने अपना वायु गुणवत्ता सूचकांक 337 दर्ज किया। हरियाणा के अन्य क्षेत्रों में जींद में एक्यूआई 323, सोनीपत में 316, कैथल में 312, गुरुग्राम में 290, मानेसर में 273, बहादुरगढ़ में 225, पानीपत में 216 और फतेहाबाद में 167 दर्ज किया गया।
आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब में अमृतसर, बठिंडा, खन्ना, लुधियाना, जालंधर, मंडी गोबिंदगढ़ और पटियाला में एक्यूआई क्रमश: 105, 200, 158, 225, 153, 120 और 177 दर्ज किया गया। पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ ने अपनी वायु गुणवत्ता 175 दर्ज की। राज्य में 2021 में 71,304, 2020 में 76,590, 2019 में 55,210, 2018 में 50,590, 2017 में 45,384 और 2016 में 81,042 ऐसी आग की घटनाएं दर्ज की गईं। बता दें कि 0-50 के बीच का एक्यूआई अच्छा, 51-100 संतोषजनक, 101-200 मध्यम, 201-300 खराब, 301-400 बहुत खराब और 401-500 गंभीर माना जाता है।
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