सार
भारत सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए तीन महीने पहले नई आईटी गाइडलाइन जारी की थी। यह गाइडलाइन बुधवार से प्रभावी हो गई। ऐसे में केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों मसलन फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और व्हॉट्सएप से नए डिजिटल नियमों के अनुपालन की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी है।
नई दिल्ली. भारत सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए तीन महीने पहले नई आईटी गाइडलाइन जारी की थी। यह गाइडलाइन बुधवार से प्रभावी हो गई। ऐसे में केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों मसलन फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और व्हॉट्सएप से नए डिजिटल नियमों के अनुपालन की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी है।
वहीं, व्हॉट्सएप ने सरकार के नए डिजिटल नियमों को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। कंपनी का कहना है कि नई गाइडलाइन के मुताबिक, सोशल मीडिया कंपनियों को उस यूजर्स की पहचान बतानी होगी जिसने सबसे पहले किसी मैसेज को पोस्ट या शेयर किया है। इससे यूजर्स की प्राइवेसी खत्म हो जाएगी। उनके लिए यूजर्स की प्राइवेसी सर्वोच्च है।
जयराम रमेश की अध्यक्षता वाली कमेटी ने भी की थी सिफारिश
राज्यसभा अध्यक्ष एम. वेंकैया नायडू द्वारा बनाई गई कमेटी ने पिछले साल बच्चों के यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए और सोशल मीडिया पर बाल पोर्नोग्राफी सामग्री तक बच्चों की पहुंच को खत्म करने के लिए सुझाव दिए थे। इसमें कमेटी ने आईटी गाइडलाइन 2011 में बदलाव की मांग भी की थी। साथ ही एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन प्लेटफॉर्म में जहां मामला जांच एजेंसियों के पास हो, वहां सबसे पहले किसी मैसेज को पोस्ट या शेयर करने वाले यूजर्स की पहचान बताने के नियम को शामिल करने के लिए कहा गया था। खास बात ये है कि इस कमेटी के अध्यक्ष कांग्रेस नेता जयराम रमेश ही थे।