सार
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने देश में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानी यूपीए के कार्यकाल के दौरान देश में दूरसंचार क्षेत्र की बदहाली का जिक्र करते हुए केंद्र की पिछली UPA सरकार पर हमला बोला।
Rajeev Chandrasekhar Attacks UPA. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि यूपीए के 10 साल के शासनकाल में भारत की टेलीकॉम इंडस्ट्री का बुरा हाल रहा। यूपीए के 10 साल के कार्यकाल को लॉस्ट डिकेड यानि कि खोया हुआ दशक करार देते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वह घोटालों का दौर था। जब भारत से दूरसंचार क्षेत्र से निवेशक भाग रहे थे। इस सेक्टर की स्थिति काफी खराब हो गई थी। मगर आज मोदी सरकार के सुधार कार्यक्रमों से दूरसंचार क्षेत्र ने भी तेज रफ्तार पकड़ ली है।
यूपीए कार्यकाल को बताया लॉस्ट डिकेड
केंद्रीय मंत्री ने यूपीए शासनकाल को खोए हुआ दशक और इंडियाज लॉस्ट डिकेड करार दिया है। उन्होंने मोदी सरकार के दौरान देश के प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अवसरों का दशक के बीच तुलना करते हुए उन्होंने चार प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की। राज्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार में स्पेक्ट्रम की नीलामी से मिला एक-एक रुपया सार्वजनिक खजाने में गया है और सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं में खर्च किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि इंडिया में तकनीकी के साथ ही नेटवर्क की गुणवत्ता बहुत अधिक है। हम टेलीकॉम ऑपरेटरों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। वायरलेस नेटवर्क में बेस स्टेशनों और क्षमताओं में अधिक से अधिक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। हम दुनिया में 5जी नेटवर्क शुरू करने के मामले में दूसरे स्थान पर हैं और 700 से अधिक जिलों में पहले से ही 5जी कवरेज कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने क्या कहा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस अत्याधुनिक तकनीक में 500,000 से अधिक 5जी बेस स्टेशन पहले ही लांच किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 83 करोड़ भारतीय इंटरनेट से जुड़े हुए हैं और हम दुनिया का सबसे बड़ा कनेक्टेड देश और सबसे बड़ा कनेक्टेड लोकतंत्र हैं। 2014 में यह संख्या बस एक छोटा सा हिस्सा थी। हमारा अनुमान है कि 2025-26 तक 120 करोड़ भारतीय इंटरनेट से जुड़ जाएंगे। राजीव चंद्रशेखर ने यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि खोए हुए दशक में हम सिर्फ 2जी जैसे दूरसंचार क्षेत्र के घोटालों के बारे में चर्चा करते थे। यही वजह थी कि बीएसएनएल जो 2004 में 6 अरब डॉलर की कंपनी थी और 2014 आते-आते वह घाटे में चलने वाली कंपनी बन गई।
हम टेलीकॉम में आत्मनिर्भर हुए
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि खोए हुए दशक और आज के इंडिया के बीच बड़ा अंतर है। यूपीए में हम दूरसंचार उपकरणों के लिए हम तकरीबन पूरी तरह से आयात पर निर्भर थे जबकि आज आत्मनिर्भर बन गए हैं। उन्होंने कहा कि उस समय लगभग 100 प्रतिशत उपकरण आयात किए गए थे। आज 100 प्रतिशत उपकरण भारत में बनते हैं एवं उनकी असेंबलिंग होती है। इन उपकरणों के निर्यात में भी तेजी से वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार करने और 2026 तक एक ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में दूरसंचार क्षेत्र कर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
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