सार
रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया और भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने संयुक्त रूप से इसका विकास किया है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की तकनीकी पर आधारित है।
नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना (IAF) ने मंगलवार को पूर्वी समुद्र तट पर एक सुखोई फाइटर जेट से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। IAF ने कहा कि मिसाइल का लाइव फायरिंग भारतीय नौसेना के साथ निकट समन्वय में किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि मिसाइल ने सटीकता के साथ लक्ष्य पर निशाना साधा।
भारतीय वायुसेना ने दी जानकारी
IAF ने एक ट्वीट में कहा, "आज पूर्वी समुद्री तट पर, #IAF ने Su30 MkI विमान से #BrahMos मिसाइल की लाइव फायरिंग की। मिसाइल ने लक्ष्य एक #भारतीय नौसेना का जहाज पर सीधा प्रहार किया। मिशन @indiannavy के साथ निकट समन्वय में किया गया था।"
2016 में इसको किया गया इंट्रीग्रेट
2016 में, सरकार ने ब्रह्मोस के एयर-लॉन्च किए गए संस्करण को 40 से अधिक सुखोई फाइटर जेट्स में एकीकृत करने का निर्णय लिया था। इस परियोजना की कल्पना समुद्र या जमीन पर किसी भी लक्ष्य पर बड़े स्टैंड-ऑफ रेंज से हमला करने की भारतीय वायुसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए की गई थी।
5 मार्च को, भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में एक स्टील्थ विध्वंसक से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के उन्नत संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। मिसाइल का परीक्षण स्टील्थ विध्वंसक आईएनएस चेन्नई से किया गया था।
ब्रह्मोस एयरोस्पेस करता है उत्पादन
ब्रह्मोस एयरोस्पेस, एक भारत-रूस संयुक्त उद्यम, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन करता है जिन्हें पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों या भूमि प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है। ब्रह्मोस मिसाइल 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना की गति से उड़ान भरती है। मिसाइल के उन्नत संस्करण की सीमा को मूल 290 किमी से लगभग 350 किमी तक बढ़ा दिया गया है। दरअसल, भारत रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी निर्भरता बढ़ाते हुए मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित कर रहा है। रक्षा मंत्रालय लगातार स्वदेशी उपकरणों की खरीदी पर जोर देने के साथ ही देश में ही हथियारों व अन्य सैन्य आवश्यकताओं के लिए आत्मनिर्भर होने के लिए पहल कर रहा है।
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