सार

दिल्ली में वायु प्रदूषण(Delhi air pollution) की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है, बल्कि एक बार फिर AQI 425 पहुंच गया है। जबकि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ने उम्मीद जताई थी कि प्रदूषण कम होगा। 18 दिसंबर से दिल्ली सरकार ने स्कूल खोल दिए थे। वहीं, ट्रकों की दिल्ली में एंट्री को भी परमिशन दे दी थी। 

नई दिल्ली. मौसम में ठंडक घुलने और कोहरे के चलते दिल्ली में वायु प्रदूषण(Delhi air pollution) फिर से बढ़ गया है। वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के मुताबिक दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 24 दिसंबर को 425 (गंभीर श्रेणी में) है। बता दें कि दिल्ली में हवा दिवाली के बाद से ही खराब है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अगली सुनवाई अब फरवरी में होगी। इस बीच 18 दिसंबर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग(AQMC) से मिली मंजूरी के बाद दिल्ली में स्कूल खोल दिए गए थे। पांचवीं से बारहवीं तक के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, निजी स्कूल, एनडीएमसी, एमसीडी और दिल्ली छावनी के स्कूल खोल दिए गए थे। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ‘SAFAR’ इसके लिए हवा की कम गति और उच्च आर्द्रता ऐसी स्थितियों को जिम्मेदार मान रहा है।

कई तरह की पाबंदियां भी हटाई गईं
कमीशन ऑफ एयर क़्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने दिल्ली में कंस्ट्रक्शन और ट्रकों की एंट्री पर लगे बैन को भी हटा दिया था। हालांकि इनसे प्रदूषण नियंत्रण के मापदंडों का पालन करने को कहा गया है। इससे पहले गुरुवार को औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 423 दर्ज किया गया था, जबकि बुधवार को 407 था। 

सुप्रीम कोर्ट सख्त है इस मामले में
दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती अपनाई थी। उसने CAQM को निर्देश दिए थे कि वो वायु प्रदूषण रोकने के लिए स्थायी उपायों के बारे में सोचे। इसके लिए एक्सपर्ट और लोगों से सुझाव मांगे। 16 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में सरकारों को स्थायी समाधान निकालने के निर्देश दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना(NV Ramana) ने चिंता जताते हुए AQMC से कहा था कि वो एक विशेषज्ञों का ग्रुप बनाए। वो जनता और विशेषज्ञों से मिले सुझाव के आधार पर कोई समाधान निकाले। इस मामले में अब फरवरी के पहले हफ्ते में अगली सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग की कोशिशों पर संतोष जताया।

50 तक AQI माना जाता है अच्छा 
एयर क्वालिटी इंडेक्स 0 से 50 के बीच अच्छा माना जाता है। 51 से 100 के बीच यह संतोषजनक, जबकि 101 से 200 के बीच मध्यम माना जाता है। 201 से 300 के बीच यह खराब श्रेणी में आता है और 301 से 400 के बीच बेहद खराब। 401 से 500 के बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर श्रेणी में आता है।

क्या है एयर क्वालिटी इंडेक्स
वायु प्रदूषण का मतलब हवा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य गैसों व धूलकणों के विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक होना है। वायु प्रदूषण के सूचकांक को संख्या में बदलकर एयर क्वालिटी इंडेक्स बनाया जाता है। इससे पता चलता है कि हवा कितनी शुद्ध या खराब है। एयर क्वालिटी इंडेक्स के छह कैटेगरी हैं।

  • अच्छा (0–50)- इसका मतलब है कि हवा साफ है। इससे सेहत पर खराब असर नहीं पड़ेगा। 
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  • संतोषजनक (51–100)- संवेदनशील लोगों को सांस लेने में मामूली दिक्कत हो सकती है।
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  • मध्यम प्रदूषित (101–200)- अस्थमा जैसे फेफड़े की बीमारी वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हृदय रोग वाले लोगों, बच्चों और बुजुर्गों को परेशानी हो सकती है। 
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  • खराब (201–300)- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हृदय रोग वाले लोगों को परेशानी हो सकती है।
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  • बहुत खराब (301–400)- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों में सांस की बीमारी हो सकती है। फेफड़े और हृदय रोग वाले लोगों में प्रभाव अधिक स्पष्ट हो सकता है।
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  • गंभीर रूप से खराब  (401-500) - स्वस्थ लोगों में भी श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। फेफड़े और हृदय रोग वाले लोगों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। हल्की शारीरिक गतिविधि के दौरान भी कठिनाइयों का अनुभव हो सकता है।

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