सार
हवाई सफर (Air Travel) और कंपनियों मुश्किलें कम करने एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya scindia) ने 22 राज्यों को पत्र लिखा है।
नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्री (civil aviation Minister) ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiradiya scindia) ने गुरुवार को कहा कि एयर टर्बाइन फ्यूल (ATF) पर कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 4 फीसदी से ज्यादा वैट (VAT) लिया जा रहा है। मैंने इनके मुख्यमंत्रियों और उप राज्यपालों को इस संबंध में पत्र लिखा है। दरअसल, ATF पर वैट की दरें हर राज्य के शहरों में भी अलग - अलग हैं। ऐसे में छोटी एयर स्ट्रिप्स से विमानों का संचालन महंगा पड़ता है। पिछले दिनों सिंधिया मप्र के सीएम को भी इस संबंध में पत्र लिखकर मप्र में भी एटीएफ की दरें कम करने की मांग की थी। दो दिन पहले ही शिवराज सरकार ने प्रदेश के हर जिले में एटीएफ पर वैट कर दरें 4 फीसदी कम कर दी हैं। अक्टूबर में उत्तराखंड, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और अंडमान निकोबार ने विमान ईंधन पर वैट घटाया था। उत्तराखंड में अब एटीएफ पर वैट की दर 2 फीसदी है। वहीं हरियाणा, अंडमान व निकोबार द्वीप समूह और जम्मू-कश्मीर में यह दर 1 फीसदी हो चुकी है।
विमान संचालन में 40 फीसदी तक हिस्सा जेट ईंधन का
दरअसल भारत में एक एयरलाइन चलाने की कुल लागत में 30 से 40 फीसदी हिस्सा जेट ईंधन का होता है। इसकी कीमत में बढ़ोत्तरी से एयरलाइंस को नुकसान होता है। कोविड-19 महामारी के कारण वैसे भी लंबे समय तक विमान सेवाएं बंद रही थीं। इस नुकसान से अभी तक ये उबर नहीं पाई हैं।
मप्र में कितना वैट घटा
पहले मध्यप्रदेश के ग्वालियर, खजुराहो और जबलपुर हवाई अड्डों पर एटीएफ पर 4 फीसदी वैट था, जबकि इंदौर (Indore) और भोपाल (Bhopal) में यह 25 फीसदी था। शिवराज कैबिनेट ने इसे घटाकर 4 फीसदी कर दिया है। मध्यप्रदेश के इन्हीं पांचों एयरपोर्ट्स पर नियमित रूप से विमानों का संचालन होता है।
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