भारत ने आकाश प्राइम मिसाइल का सफल टेस्ट लद्दाख में 15000 फीट की ऊंचाई पर किया है। जमीन से हवा में मार करने वाले इस मिसाइल का काम हवाई हमले से रक्षा करना है। इस टेस्ट से चीन की टेंशन बढ़ गई है।

Akash surface to air Missile: सतह से हवा में मार करने वाले आकाश मिसाइल का नया वर्जन आकाश प्राइम (Akash Prime) लद्दाख में 15000 फीट की ऊंचाई पर टेस्ट किया गया है। इसने शानदार प्रदर्शन करते हुए हवा में उड़ रहे दो टारगेट को सफलतापूर्वक नष्ट किया।

क्या है आकाश प्राइम?

आकाश प्राइम आकाश मार्क 1 और मार्क 1एस का नया वैरिएंट है। मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी हवाई हमले को नाकाम कर इसने दुनिया को अपनी ताकत दिखाई है। आकाश प्राइम से सेना में आकाश मिसाइलों की तीसरी और चौथी रेजिमेंट का गठन होगा।

आकाश प्राइम को खासकर 4,500 मीटर से अधिक ऊंचाई पर काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें लेटेस्ट अपडेट किए गए हैं। स्वदेशी रूप से विकसित रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर लगाया गया है। इसकी मदद से यह अपने टारगेट को ट्रैक और नष्ट करता है।

Scroll to load tweet…

कितना है आकाश प्राइम का रेंज?

शुरुआत में आकाश मिसाइल का रेंज करीब 25km था। नए वर्जन के साथ इसके रेंज में वृद्धि हुई है। रिपोर्ट्स के अनुसार आकाश प्राइम का रेंज 30km है। आकाश एक शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम है। इसे सैन्य ठिकाने और एयरबेस जैसे अहम सामरिक ठिकानों की रक्षा के लिए तैनात किया जाता है। इससे क्रूज मिसाइल और लड़ाकू विमानों को भी मार गिराया जा सकता है।

आकाश मिसाइल की 5 खास बातें

1- आकाश मिसाइल की लंबाई करीब 20 फीट और वजन 710Kg है। यह अपने साथ 60kg विस्फोटक ले जाती है।

2- आकाश मिसाइल को रैमजेट रॉकेट इंजन से ताकत मिलती है।

3- आकाश मिसाइल में ऑनबोर्ड डिजिटल ऑटोपायलट फीचर है। इससे मिसाइल को स्थिरता और नियंत्रण मिलता है।

4- आकाश मिसाइल को ट्रक पर लगे लॉन्चर से फायर किया जाता है। इसे बेहद कम समय में तैनात किया जा सकता है।

5- आकाश एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह ऑटोमैटिक है। यह रियलटाइम में मल्टी सेंसर डेटा प्रोसेसिंग करता है, जिससे हवाई खतरे का मूल्यांकन हो पाता है। यह बेहद कम वक्त में टारगेट की पहचान कर उसे खत्म कर देता है।

आकाश मिसाइल से क्यों बढ़ी चीन की टेंशन?

आकाश मिसाइल को लद्दाख में टेस्ट किए जाने से चीन की टेंशन बढ़ गई है। इसे भारत-चीन सीमा के पास टेस्ट किया गया है। इससे साफ पता चलता है कि आने वाले समय में आकाश को चीन से लगी सीमा के पास मौजूद महत्वपूर्ण सैन्य व सामरिक ठिकानों की रक्षा के लिए तैनात किया जाएगा। ऐसा होने के बाद लड़ाई की स्थिति में उन जगहों पर हवाई हमला करना कठिन हो जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आकाश ने बता दिया है कि वह कितनी कुशलता से हवाई हमलों को नाकाम कर सकता है।