सार
नई दिल्ली. राज्यसभा में शुक्रवार को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानि (UAPA)यूएपीए संशोधन बिल 2019 पास हो गया है। सदन में बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और गृहमंत्री अमित शाह ने एक दूसरे पर निशाना साधा। दिग्विजय सिंह ने कहा कि बिल पास होने के बाद सरकार उन्हें सबसे पहले निशाना बनाएगी।
नई दिल्ली. राज्यसभा में शुक्रवार को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानि (UAPA)यूएपीए संशोधन बिल 2019 पास हो गया है। सदन में बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और गृहमंत्री अमित शाह ने एक दूसरे पर निशाना साधा। दिग्विजय सिंह ने कहा कि बिल पास होने के बाद सरकार उन्हें सबसे पहले निशाना बनाएगी। इस पर शाह ने कहा- दिग्विजय सिंह कह रहे हैं कि मुझे ही आतंकी घोषित कर दो। मैं उन्हें भरोसा दिलाता हूं। आप कुछ नहीं करोगे तो कुछ नहीं होगा।''
सरकार आतंकवाद से समझौता कर रही: दिग्विजय
चर्चा के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा- केंद्र सरकार आतंकवाद के खिलाफ समझौता कर रही है। हमें बीजेपी सरकार की मंशा पर शक है। कांग्रेस ने कभी आतंकवाद से समझौता नहीं किया है। आप लोगों (बीजेपी) ने रुबिया सईद और मसूद अजहर को रिहा करने के मामले में देश की सुरक्षा खतरे में डाली है। उन्होंने कहा- आप नाथूराम गोडसे की प्रशंसा करते हैं जो स्वंतत्र भारत का पहला आतंकी था। कोरेगांव में मेरा नाम भी जोड़ा गया और कहा गया इनका फोन नंबर उनके पास था। मेरा फोन नंबर राज्यसभा बेवसाइट पर है। अब उनके पास नंबर होना स्वाभाविक है। हमने (कांग्रेस) ने राजीव गांधी और इंदिरा गांधी को खोया, लेकिन कभी आतंकवाद से समझौता नहीं किया।
कानून दुरुपयोग की बात कांग्रेस न करे तो ठीक: शाह
इसके जवाब में अमित शाह ने कहा,''कानून के दुरुपयोग की बात कांग्रेस न करे तो ही ठीक है। कांग्रेस के दुरुपयोग के इतिहास पर मैंने बोलना शुरू किया तो 7 तारीख तक मेरा भाषण चलता रहेगा। सबको पता है कि इमरजेंसी के वक्त किस तरह से कानून का दुरुपयोग एक व्यक्ति के लिए किया गया।''
गृह मंत्री ने कहा, ''दिग्विजय सिंह ने 3 केसों का जिक्र किया, जिनमें सजा नहीं हुई। मैं बताता हूं कि ये राजनीतिक एजेंडा के तहत हुआ। एक विशेष धर्म को आतंक से जोड़ने की कोशिश की जा रही थी।''
शाह ने कहा कि दुनिया भर की सभी एजेंसियों की तुलना में एनआईएन के द्वारा सजा की दर सबसे ज्यादा है। व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि कोई संस्था अपने आप नहीं चलती उसे कोई व्यक्ति ही चलाता है। जब हम किसी एक संस्था पर प्रतिबंध लगाते हैं तो इसमें लिप्त व्यक्ति दूसरी संस्था खोल लेते हैं और आतंक फैलाने की प्रक्रिया जारी रहती है।