Amit Shah vs Rahul Gandhi Debate: लोकसभा में SIR और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को लेकर अमित शाह और राहुल गांधी के बीच तीखी नोकझोंक हुई। केंद्रीय गृहमंत्री ने आरोपों को निराधार बताया और कहा कि SIR चुनाव आयोग की जिम्मेदारी, विपक्ष मुद्दा बना रहा है। 

SIR Debate in Lok Sabha: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि ये दावे बिना आधार के हैं। लोकसभा में कई राज्यों में चल रही SIR (Special Intensive Revision) पर जोरदार बहस हुई। इस दौरान राहुल गांधी और अमित शाह आमने-सामने दिखे। अमित शाह ने कहा कि विपक्ष, खासकर कांग्रेस, इस रोल-रिविजन प्रक्रिया पर झूठ फैलाकर भ्रम फैला रही है। शाह ने कहा कि इस मामले में चुनाव आयोग पहले ही स्पष्ट कर चुका है। शाह ने कहा कि राहुल गांधी ने 5 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। उन्होंने याद दिलाया कि विपक्ष के नेता ने कहा था कि उन्होंने 'एटॉमिक बम गिराया' और इसमें दावा किया कि हरियाणा में एक ही घर में 501 वोट दर्ज हैं।

संसद में SIR पर बहस सही नहीं- गृहमंत्री

अमित शाह ने कहा कि यह संसद का विषय नहीं है, क्योंकि SIR चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है और आयोग सरकार को जवाबदेह नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष जनता को गुमराह कर रहा है और इसे राजनीतिक मुद्दा बना रहा है। शाह ने लोकसभा में राहुल गांधी के आरोपों पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में एक घर में 501 वोट होना कोई गड़बड़ी नहीं है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि यह घर बड़ा है और तीन पीढ़ियों के लोग वहां रहते हैं, इसलिए कोई फर्जी वोट या गड़बड़ी नहीं हुई।

हरियाणा में 19 लाख फर्जी वोट- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने अमित शाह के तर्कों पर पलटवार करते हुए दावा किया कि हरियाणा में 19 लाख फर्जी वोट हैं। उन्होंने कहा, 'सरकार ने सिर्फ एक उदाहरण दिया, लेकिन और भी कई मामले हैं। आइए प्रेस कॉन्फ्रेंस पर इस पर बहस करें।' गांधी ने बिहार में एक 124 वर्षीय महिला की गलत उम्र दर्ज होने का मुद्दा भी उठाया। अमित शाह ने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ डेटा एंट्री की गलती थी, जिसे महिला ने ऑनलाइन फॉर्म भरते समय दर्ज किया था।

नेहरू और इंदिरा गांधी के समय भी हुई SIR प्रक्रिया- अमित शाह

अमित शाह ने संसद को बताया कि पहली SIR प्रक्रिया 1952 में पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के शासन में हुई थी। उन्होंने कहा कि इसके बाद कई कांग्रेस सरकारों के तहत भी SIR की प्रक्रिया हुई, जैसे 1957, 1961, 1965-66 और 1983-84 में। वर्तमान में चुनाव आयोग अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभा रहा है।

वंदे मातरम को लेकर भी आरोप-प्रत्यारोप

बुधवार को संसद में वंदे मातरम पर बहस भी हुई। विपक्ष ने BJP नेताओं पर इतिहास तोड़ने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि बहस का उद्देश्य पहले प्रधानमंत्री नेहरू को बदनाम करना था। राज्यसभा में भी हलचल मची, जब केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर आरोप लगाया कि उन्होंने विदेश नीति और अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दे घुसाकर बहस को हाईजैक किया।

सरकार बहस से नहीं डरती- अमित शाह

अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि BJP और NDA सरकार कभी बहस से पीछे नहीं हटती। उन्होंने कहा कि विपक्ष यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि सरकार बहस के लिए तैयार नहीं है, लेकिन यह सच नहीं है।