सार

महाराष्ट्र में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर के बाहर कार में विस्फोटक और स्कोर्पियो मालिक मनसुख हिरेन की मौत के मामले में उद्धव सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कहा जा रहा है कि जल्द उद्धव सरकार गृहमंत्री अनिल देशमुख को हटा सकते हैं। 

मुंबई. महाराष्ट्र में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर के बाहर कार में विस्फोटक और स्कोर्पियो मालिक मनसुख हिरेन की मौत के मामले में उद्धव सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कहा जा रहा है कि जल्द उद्धव सरकार गृहमंत्री अनिल देशमुख को हटा सकते हैं। बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में एनसीपी प्रमुख शरद पवार काफी नाराज हैं। उन्होंने अनिल देशमुख को मुकालात के लिए दिल्ली भी बुलाया। 

इससे पहले सचिन वझे के मामले में मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह हटाया जा चुका है। उनकी जगह  हेमंत नागराले को मुंबई का कमिश्नर बनाया गया है।
 
बैकफुट पर आई उद्धव सरकार
एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में एनआईए और महाराष्ट्र एटीएस जांच कर रही है। इस केस में सचिन वझे के शामिल होने से मुंबई पुलिस पर सवालिया निशान खड़े हुए हैं। ऐसे में विपक्ष खासकर भाजपा लगातार उद्धव सरकार पर निशाना साध रही है। ऐसे में सरकार अपनी छीछालेदर को देखते हुए अनिल देशमुख को हटा सकती है। 

इन वजहों से गिर सकती है अनिल देशमुख पर गाज

- जिस प्रकार से एंटीलिया केस में सचिन वझे का नाम आया है, उसे देखते हुए शरद पवार काफी शख्त हैं। वे इस मामले में उद्धव से भी मुलाकात कर चुके हैं। उन्हें लगता है कि सरकार इस मामले में बैकफुट पर आ गई है। ऐसे में इसका जिम्मेदार वे गृह मंत्री अनिल देशमुख को मान रहे हैं।  

- यह भी कहा जा रहा है कि इस मामले में मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र के गृह मंत्रालय की काफी बदनामी हुई है। देश और दुनिया के सामने इसे लेकर अच्छा उदाहरण नहीं गया है। ऐसे में देशमुख पर इस्तीफे की तलवार लटक रही है। 

- गृह मंत्रालय की अहमियत को देखते हुए शरद पवार को ऐसा लगता है कि अनिल देशमुख इसका जिम्मा ठीक से नहीं उठा रहे हैं। उन्हें लगता है कि देशमुख का इस मामले में मनोबल काफी गिर गया है। ऐसे में अब उनकी जगह जयंत पाटिल को गृह मंत्रालय दिया जा सकता है।

सामान्य रही मुलाकात- देशमुख
इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए शरद पवार ने अनिल देशमुख को दिल्ली तलब किया। मुलाकात के बाद अनिल देशमुख ने इस बैठक को सामान्य बताया। उन्होंने कहा कि एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन के मामले में शरद पवार को जानकारी दी गई है। इसके अलावा एक विदेशी कंपनी के नागपुर में निवेश को लेकर पवार से मदद मांगी गई है।