सार
जहरीले सांप के बच्चे को कम खतरनाक समझना घातक होता है। नन्हें सांप में भी इतना जहर होता है कि किसी इंसान की मौत हो जाए। सांप का बच्चा अंडे से जहर के साथ बाहर आता है।
नई दिल्ली। मानसून आने के साथ ही देश में सांप द्वारा डसे जाने की घटनाएं बढ़ गईं हैं। भारत में हर साल सांप द्वारा डसे जाने के चलते 50 हजार से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। इनमें से अधिकतर मौतें नाग, करैत, सॉ स्केल्ड वाइपर और रसेल्स वाइपर के चलते होती है।
जहरीले सांप के मामले में उम्र और आकार से धोखा नहीं खाना चाहिए। सपोले को बच्चा समझ यह नहीं सोचना चाहिए कि इससे खतरा नहीं है। सच्चाई यह है कि कम उम्र के सांप अपनी ही प्रजाति के बड़े सांप से अधिक खतरनाक होते हैं। सांप का बच्चा अंडे से जहर के साथ बाहर आता है। उसके विष की ग्रंथी में जहर भरा होता है और दांत डसने के लिए तैयार होते हैं। इसका कारण है कि अंडे से बाहर आते ही सांप के बच्चे को अपने दम पर ही शिकार करना होता है और अपनी रक्षा करनी होती है। दूसरे जानवरों की तरह उसे माता-पिता की सुरक्षा नहीं मिलती।
खतरनाक होता है छोटे सांप का हमला
सांप के लिए उसका जहर कीमती होता है। वह इसका इस्तेमाल शिकार करने और अपनी रक्षा करने के लिए करता है। जब तक जरूरी नहीं हो सांप अपना जहर बर्बाद नहीं करता। यही कारण है कि नाग जैसे सांप कई बार नकली हमला भी करते हैं। ऐसे में सांप डसता तो है, लेकिन शिकार के शरीर में जहर नहीं डालता। बड़े सांप हमला करने पर एक बार में ही अपना पूरा जहर शिकार के शरीर में नहीं डालते।
छोटे सांप के मामले में ऐसा नहीं होता। कम उम्र के सांप को पता नहीं होता कि एक बार में कितना जहर डालना है। वह अपना पूरा जहर शिकार के शरीर में डाल देता है। छोटे सांप का जहर में भी बड़े सांप जितना ही घातक होता है। सर्प विशेषज्ञ जोस लुइस कहते हैं कि अंडे से हाल ही में निकले सांप का जहर अधिक कॉन्सन्ट्रेटर होता है। अगर वह किसी को डस ले तो यह जानलेवा साबित होता है।
मानसून में अंडे से बाहर आते हैं सांप
जोस लुइस के अनुसार सांप गर्मी के दिनों में अंडे देते हैं। गर्मी के मौसम के अंत और मानसून की शुरुआत में अंडों से सपोले बाहर आते हैं। मानसून के दौरान ही इंसानों का सांपों से सामना होने की संभावना अधिक होती है। यही कारण है कि सांप के डसने के अधिकतर मामले इसी मौसम में देखे जाते हैं। जोस लुइस कहते हैं कि जहरीले सांपों से दूर ही रहना चाहिए। अगर कोई सपोला घर या किसी ऐसी जगह आ जाए जहां से उसे हटाना जरूरी हो तो बाल्टी से ढककर उसे एक जगह रोका जा सकता है। इसके बाद बचाव दल के आने का इंतजार करना चाहिए।