सार
कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ बगावत का रास्ता अख्तियार कर चुके G 23 के लीडर गुलाम नबी आजाद को लेकर कांग्रेस में गुस्सा फूट पड़ा है। मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आजाद के घर के बाहर प्रदर्शन किया। उधर, पश्चिम बंगाल में गठबंधन पर सवाल उठाने वाले सांसद आनंद शर्मा पर अधीर रंजन चौधरी ने सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि इससे कांग्रेस को ही नुकसान होता दिखाई दे रहा है।
जम्मू. पांच राज्यों-पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में बगावत के सुर बुलंद हो गए हैं। हाल में जम्मू में कांग्रेस जी-23 की मीटिंग हुई थी। इसकी अगुवाई करने वाले गुलाम नबी आजाद ने मोदी की खूब तारीफ कर दी थी। वहीं, कांग्रेस आलाकमान को लेकर भी सवाल खड़े किए थे। इसके बाद कांग्रेस में कलह पैदा हो गई है।
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जम्मू में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आजाद के घर के बाहर प्रदर्शन किया। जी 23 की मीटिंग के बाद जम्मू से दिल्ली पहुंचे नेताओं ने अपनी पार्टी की कार्यप्रणाली के खिलाफ आवाज उठाई थी। इसके विरोध में मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आजाद का पुतला फूंका। इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस के सचिव और हाल में डीडीसी चुनाव जीतकर आए शहनवाज चौधरी कर रहे थे। इन नेताओं ने आरोप लगाया कि गुलाम नबी आजाद भाजपा की भाषा बोल रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने सोनिया गांधी से इन नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जम्मू में बीजेपी की भाषा आजाद बोल रहे हैं, तो बंगाल में यह काम आनंद शर्मा कर रहे हैं।
बंगाल तक पहुंची कलह
कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने बंगाल में कांग्रेस गठबंधन पर सवाल उठाए थे। इस पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उन्हें पता है कि आनंद शर्मा का बिग बॉस कौन है? बता दें कि आनंद शर्मा ने बंगाल में अब्बास सिद्धीकी के साथ गठबंधन पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस ने लेफ्ट के साथ सिद्दीकी के इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ गठबंधन किया है। आनंद शर्मा ने ट्वीट करके कहा था कि इंडियन सेक्युलर फ्रंट(ISF) के साथ गठबंधन कांग्रेस की मूल विचारधारा के खिलाफ है।
क्या है जी-23
यह कांग्रेस के 23 नेताओं का गुट है, जिन्होंने कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर सुधार की हिमायत की थी। इस पत्र से पार्टी में बवाल खड़ा हो गया था। जी-23 इस बात से नाराज है कि कांग्रेस आलाकमान ने राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद को फिर से नामित करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। राज्यसभा में विपक्ष के नेता पद के लिए आनंद शर्मा की जगह राहुल गांधी के वफादार मल्लिकार्जुन खड़गे को चुना। राहुल गांधी की 'उत्तर-दक्षिण' टिप्पणी और नए पार्टी अध्यक्ष और अन्य संगठनात्मक मामलों पर लंबित निर्णय।