सार

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को CBI की स्पेशल कोर्ट बड़ी राहत मिली है। मंगलवार को आईआरसीटीसी घोटाला मामले में तेजस्वी यादव सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए।

नई दिल्ली.  बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को CBI की स्पेशल कोर्ट बड़ी राहत मिली है। मंगलवार को आईआरसीटीसी घोटाला मामले में तेजस्वी यादव सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए। सीबीआई ने उनकी जमानत रद्द करने की मांग को लेकर विशेष अदालत में अर्जी दाखिल की थी। लेकिन कोर्ट ने सीबीआई की इस अर्जी को खारिज करते हुए तेजस्वी की जमानत रद्द करने की मांग को ठुकरा दिया। तेजस्वी यादव आईआरसीटीसी घोटाला मामले में जमानत पर चल रहे हैं।

दिल्ली की विशेष CBI अदालत ने तेजस्वी यादव को चेतावनी देते हुए कहा कि आगे से जनता से कुछ बोलें तो शब्दों का सही चयन करें। हम जमानत रद्द नहीं कर रहे हैं, इसका कोई आधार नहीं है। कोर्ट ने उन्हें आगाह किया कि आगे से वह ऐसा कोई बयान नहीं देंगे। तेजस्वी यादव से जज ने पूछा कि क्या डिप्टी सीएम रहते हुए ऐसे बयान देने चाहिए? जज ने आगाह किया कि आप आगे से ऐसा कोई बयान नहीं देंगे। आगे जनता के बीच बोलें तो सही शब्दों का चयन करें।

तेजस्वी पर थे जांच प्रभावित करने के आरोप 
सीबीआई ने दिल्ली की कोर्ट में याचिका दायर कर तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की जांच प्रभावित करने के लिए न सिर्फ सीबीआई के अधिकारियों बल्कि उनके परिवार के लोगों को भी खुले मंच से धमकी दी थी। तेजस्वी यादव ने जनसभा के अलावा प्रेस कांफ्रेंस कर कानूनी कार्रवाई को रोकने की कोशिश की। उन्होंने अपने खिलाफ चल रहे अनुसंधान के साथ साथ कोर्ट में चल रहे ट्रायल को रोकने की कोशिश की। आरोप है कि तेजस्वी ने देश के संविधान को भी नीचा दिखाया है। 

क्या है IRCTC घोटाला
ये मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव यूपीए-1 की सरकार में रेल मंत्री थे। उनके कार्यकाल में इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) रांची और पुरी के दो होटल की देखरेख का जिम्मा सुजाता होटल्स नाम की कंपनी को दिया गया था। आरोप है कि सुजाता होटल के बदले लालू परिवार की लारा कंपनी को पटना में तीन एकड़ जमीन दी गई थी। सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक दो होटलों के आवंटन में बड़े पैमाने पर गडबड़ी हुई। इस केस में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, प्रेम गुप्ता, सरला गुप्ता समेत रेलवे अधिकारी पीके गोयल और राकेश सक्सेना भी अभियुक्त बनाए गए हैं।