सार
बालिका वधु फेम सुरेखा सीकरी का 75 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन पर करीब दोस्त सुरेंद्र राजन ने कुछ यादें शेयर कीं। सुरेंद्र राजन खुद भी एक चर्चित अभिनेता हैं।
'बालिका वधु' सीरियल फेम सुरेखा सीकरी के निधन से उनके बुजुर्ग मित्र सुरेंद्र राजन बहुत दु:खी हैं। हिंदी सिनेमा में 9 से अधिक बार गांधी का किरदार निभा चुके सुरेंद्र राजन और सुरेखा सीकरी बहुत अच्छे दोस्त थे। सुरेखा सीकरी के निधन से सुरेंद्र राजन शॉक्ड हैं। सुरेंद्र राजन ने टेलिफोन पर बताया कि उनके निधन से मैंने एक अच्छा दोस्त खो दिया। कुछ दिन पहले ही उनके परिजनों से उनकी तबीयत जानी थी। वे बातचीत नहीं कर पा रही थीं। सुरेंद्र राजन ने दो दिन पहले ही अपनी फेसबुक पर सुरेखा सीकरी का एक पुराना फोटो शेयर किया था।
सुरेखा ने ही मुझे एक्टर बनाया
एक्टर से पहले सुरेंद्र राजन फोटोग्राफर थे। एक मझे हुए चित्रकार भी। राजन बताते हैं कि सुरेखाजी रंगमंच की एक ख्यात नाम थीं। मैं उनके और रघुवीर यादव के प्ले देखने जाता था। फोटो खींचता था। तब से मेरा उनका परिचय हुआ था। फिर हम अच्छे दोस्त बन गए। प्रकाश झा की फिल्म परणीति(1984) में उनके कहने पर ही मैंने एक्टिंग शुरू की थी।
सुरेंद्र राजन ने सुरेखा के कई चित्र बनाए
सुरेंद्र राजन इस समय कोयंबटूर(तमिलनाडु) में रह रहे हैं। राजन ने सुरेखा सीकरी के कई चित्र बनाए और फोटो खींचकर उन्हें भेंट किए। राजन कहते हैं कि उनके निधन से मैंने एक अच्छा दोस्त खो दिया।
(यह तस्वीर सुरेंद्र राजन ने अपने फेसबुक पेज पर सुरेखा सीकरी को श्रद्धांजलि स्वरूप पोस्ट की है)
सुरेखा सीकरी से जुड़ीं कुछ खास बातें
- सुरेखा सीकरी कलर्स चैनल पर प्रसारित हुए सीरियल बालिका वधू में दादी सा के बाद घर-घर में लोकप्रिय हुई थीं, लेकिन रंगमंच में उनका बड़ा योगदान रहा है। 2009 में इसी रिपोर्टर को दिए एक इंटरव्यू में सुरेखा सीकरी ने कहा था कि असल जीवन में वे हमेशा महिला शिक्षा और उनकी आत्मनिर्भरता की प्रबल पक्षधर रहीं।
- सुरेखा सीकरी चिकित्सकों और शिक्षकों के परिवार में जन्मीं थीं। उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाई गई। परिवार से कोई भी अभिनय के क्षेत्र में नहीं था, बावजूद उनके निर्णय पर किसी ने आपत्ति नहीं जताई।
- किशोरावस्था में सुरेखा सीकरी ने कुछ प्ले देखे और फिर अभिनय क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित हुईं। जब उन्होंने 1965 में थियेटर ज्वाइन किया, तब इस क्षेत्र में महिलाएं काफी कम थीं।
- देहरादून में जन्मीं सुरेखा सीकरी ने थियेटर के जरिए अभिनय क्षेत्र में कदम रखा था। अपने अभिनय के जरिए इन्होंने नारी के कई चुनौतीपूर्ण किरदारों को पर्दे पर जीवंत किया। सुरेखाजी द्वारा अभिनीत फिल्मों में किस्सा कुर्सी का, परिणति, लिटिल बुद्धा, मम्मो, सरदारी बेगम, जुबैदा, मिस्टर एंड मिसेस अय्यर, रेनकोट और बधाई हो आदि फिल्में शामिल हैं।