सार
भारत और चीन के बीच विवाद को देखते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने चीनी मोबाइल कंपनी वीवो से करार खत्म कर लिया। अब वीवो कंपनी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल)-2020 को स्पॉन्सर नहीं करेगी।
नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच विवाद को देखते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने चीनी मोबाइल कंपनी वीवो से करार खत्म कर लिया। अब वीवो कंपनी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल)-2020 को स्पॉन्सर नहीं करेगी। बीसीसीआई ने इस मामले में गुरुवार को आधिकारिक विज्ञप्ति जारी कर करार खत्म करने की जानकारी दी।
15 जून को भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसके बाद से भारत में चीनी सामानों का बहिष्कार करने की बात उठ रही है। हाल ही में भारत सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कई चीनी ऐप्स भी बैन किए थे। सरकार के इस कदम के बाद वीवो की स्पॉन्सरशिप भी खत्म करने की मांग उठ रही थी।
बीसीसीआई की बढ़ी चिंता
बीसीसीआई ने बताया कि बीसीसीआई और वीवो ने आईपीएल के इस संस्करण के लिए करार रद्द कर दिया है। हालांकि, बीसीसीआई की चिंता बढ़ गई है, क्यों कि सवाल ये है कि अब इस लीग को कौन स्पॉन्सर करेगा। बताया जा रहा है कि वीवो से बीसीसीआई की डील 2023 तक थी। लेकिन अभी इसपर सस्पेंस बना है कि आगे इसे कौन स्पॉन्सर करेगा।
19 सितंबर से खेला जाना है आईपीएल
हर साल आईपीएल अप्रैल-मई महीने में होता है। लेकिन इस साल कोरोना के चलते यह टल गया था। अब बीसीसीआई ने इसे यूएई में कराने का फैसला किया है। आईपीएल 19 सितंबर से शुरू होगा। फाइनल 10 नवंबर को खेला जाएगा।
2199 करोड़ रुपए में हुई थी डील
वीवो इंडिया ने 2017 में आईपीएल की स्पॉन्सरशिप ली थी। इसके लिए वीवो ने बीसीसीआई से 2199 करोड़ रुपए में अधिकार हासिल किए थे। उसे हर साल करीब 440 करोड़ रुपए का भुगतान करना था। इससे पहले 2016 में सॉफ्ट ड्रिंक कंपनी पेप्सिको पर इसके अधिकार थे।