सार
अमेरिकी सरकार ने भारतीय मूल के राशद हुसैन को देश का पहला मुस्लिम धार्मिक स्वतंत्रता राजदूत बनाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसकी घोषणा की। राशद इससे पहले छठे सर्किट के लिए यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स में डेमन कीथ के न्यायिक कानून क्लर्क के रूप में काम कर चुके हैं।
वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मुस्लिम धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के मकसद से भारतीय-अमेरिकी राशद हुसैन को पहला मुस्लिम धार्मिक स्वतंत्रता राजदूत (first Muslim religious freedom ambassador ) नामित(nominate) किया है। व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि राशद हुसैन ओबामा प्रशासन में शामिल होने से पहले छठे सर्किट के लिए यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स में डेमन कीथ के न्यायिक कानून क्लर्क के रूप में काम कर चुके हैं। वे ओबामा-बिडेन ट्रांजिशन प्रोजेक्ट के सहयोगी वकील भी थे।
अमेरिकी कूटनीति में अहम भूमिका निभा सकते हैं
माना जा रहा है कि राशद हुसैन मुस्लिम धार्मिक स्वतंत्रता जैसे संवेदनशील विषय में अमेरिकी की कूटनीति(diplomacy) को बढ़ावा देंगे। वे इसके नेतृत्व का अहम हिस्सा होंगे। वे पहले मुस्लिम हैं, जिन्हें यह जिम्मेदारी मिली है। हुसैन राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में भागीदारी और वैश्विक जुड़ाव के निदेशक भी हैं। ओबामा प्रशासन में राशद इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) में अमेरिका के विशेष दूत के रूप में सामरिक आतंकवाद विरोधी संचार और व्हाइट हाउस के उप सहयोगी के रूप में बेहतर काम कर चुके हैं।
राशद कई संगठनों में काम कर चुके हैं
राशद एक दूत के तौर पर इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के अलावा संयुक्त राष्ट्र, विदेशी सरकारें, नागरिक समाज संगठन, शिक्षा, उद्यमिता, स्वास्थ्य, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्र से जुड़कर काम करते रहे हैं। राशद मुस्लिम-बहुल देशों में यहूदियों के खिलाफ चल रहे विरोधों और अल्पसंख्यकों की रक्षा जैसे मुद्दों पर काम करते रहे हैं।
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