सीएए के विरोध में जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास हुए हिंसक प्रदर्शन को काबू करने के दौरान दिल्ली पुलिस से बड़ी गलती हो गई। इस दौरान पुलिस और प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी के जवानों ने आर्मी से मिलती जुलती ड्रेस पहनी हुई थी।

नई दिल्ली. सीएए के विरोध में जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास हुए हिंसक प्रदर्शन को काबू करने के दौरान दिल्ली पुलिस से बड़ी गलती हो गई। इस दौरान पुलिस और प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी के जवानों ने आर्मी से मिलती जुलती ड्रेस पहनी हुई थी। जिसके बाद आर्मी के सूत्रों ने बताया कि आब इंडियन आर्मी दिल्ली पुलिस प्राइवेट कंपनियों के जवानों के खिलाफ एक्शन लेगी। आपको बता दें कि आर्मी के द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक किसी भी राज्य की पुलिस या प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी के जवान आर्मी से मिलती जुलती कोई भी ड्रेस नहीं पहन सकते हैं। 

दिल्ली पुलिस ने आर्मी की इस गाइडलाइन को तोड़ा है, जिसके बाद उनके खिलाफ आर्मी कार्रवाई करेगी। आर्मी से जुड़े सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी। शाहीनबाग में लंबे समय से चल रहे प्रदर्शन के बाद जाफराबाद में भी CAA के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया। इसके बाद भाजपा नेता कपिल मिश्रा भी अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतर आए और नागरिकता कानून के समर्थन में नारेबाजी करने लगे। इस घटना के बाद ही दोनों गुट के प्रदर्शनकारी आमने-सामने आ गए और दोनों ने मजकर एक दूसरे के ऊपर पत्थरबाजी की। इसी हिंसा को रोकने के दौरान दिल्ली पुलिस के जवानों ने आर्मी से मिलती जुलती ड्रेस पहनी थी।

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पुलिस ने हालात पर पाया काबू 
दिल्ली पुलिस ने आंसूगैस के गोले छोड़कर प्रदर्शनकारियों को तितर बितर किया और पत्थरबाज मैदान छोड़कर भागे। हालांकि प्रदर्शन नहीं रुके और नारेबाजी चलती रही, पर पत्थरबाजी रुक गई और लोग नागरिकता कानून के विरोध और समर्थन में नारे लगाते रहे। अमेरिकी प्रधानमंत्री डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे से पहले ये प्रदर्शन चिंता का विषय बने हुए हैं। इन प्रदर्शनों का महत्व तब और बढ़ जाता है, जब अमेरिका के एक अधिकारी ने यह संकेत दिए थे कि ट्रंप भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा उठा सकते हैं।