सार

एंटीलिया के पास एसयूवी मिलने के केस में महाराष्ट्र सरकार घिरती नजर आ रही है।  भाजपा ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री सुरक्षा में चूक की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह के अलावा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री अनिल देशमुख भी एंटीलिया के बाहर जो हुआ, उसके लिए जिम्मेदार हैं।
 

मुंबई. एंटीलिया के पास एसयूवी मिलने के केस में महाराष्ट्र सरकार घिरती नजर आ रही है।  भाजपा ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री सुरक्षा में चूक की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह के अलावा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री अनिल देशमुख भी एंटीलिया के बाहर जो हुआ, उसके लिए जिम्मेदार हैं।

एंटीलिया केस क्या है?
25 फरवरी को मुंबई में मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास एक विस्फोटक से भरी एसयूवी खड़ी मिली थी। 1 मार्च को महाराष्ट्र पुलिस ने कहा कि गाड़ी मनसुख हिरेन नाम के व्यक्ति की है, जो ठाणे का एक व्यवसायी है।

पांच दिन बाद मनसुख हिरेन मुंब्रा में एक नाले के किनारे मृत पाया गया। उनकी पत्नी ने आरोप लगाया है कि मुंबई के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सचिन वझे उनके पति की मौत के जिम्मेदार हैं।

12 मार्च को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मनसुख हिरेन की मौत के मामले में सचिन वझे को गिरफ्तार किया। उनके आवास और कार्यालयों की तलाशी ली गई। इस दौरान कई सबूत बरामद किए गए।

इस बीच मुंबई पुलिस कमिश्नर रहे परम बीर सिंह का ट्रांसफर कर दिया गया। वे एंटीलिया बम कांड मामले की जांच से जुड़े थे।

उद्धव सरकार पर हमला
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि परमवीर सिंह का ट्रांसफर प्रशासनिक कार्रवाई नहीं थी। उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस के प्रमुख के रूप में परम बीर सिंह के सहयोगी अधिकारी ने कुछ गंभीर गलतियां कीं। गलतियों को माफ नहीं किया जा सकता है और इसलिए उनका ट्रांसफर किया गया। इससे पहले, शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने परम बीर सिंह के ट्रांसफर को एक नियमित प्रशासनिक कार्रवाई करार दिया था।

मुंबई में कोई कानून व्यवस्था नहीं है: राम कदम
राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता राम कदम ने आरोप लगाया कि मुंबई में कोई कानून-व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि शिवसेना एक बात कहती है और गृह मंत्री एक और बात कहते हैं। एक ने कहा कि यह एक नियमित स्थानांतरण है, दूसरा कुछ और कहता है। किसे माना जाए? शिवसेना या गृह मंत्री? यह इसलिए हो रहा है क्योंकि महाराष्ट्र महागठबंधन वाली सरकार में कोई समन्वय नहीं है?