सार

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं। राज्य में जारी गतिरोध के बीच राज्य की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा शांत है और राजनीतिक उठा पटक पर नजर बनाए हुए है। 

मुबंई. महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं। राज्य में जारी गतिरोध के बीच राज्य की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा शांत है और राजनीतिक उठा पटक पर नजर बनाए हुए है। इससे पहले भाजपा ने सरकार बनाने के न्योते को भी ठुकरा दिया था। इसके बाद शिवसेना और उसके बाद एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता मिला।

इन सब के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे के बयान के बाद एक बार फिर ये तय हो गया है कि भाजपा भी महाराष्ट्र में सत्ता को इतनी आसानी से गंवाने के पक्ष में नहीं है।

क्या कहा नारायण राणे ने? 
दरअसल, नारायण राणे ने मंगलवार को कहा था कि भाजपा राज्य में सरकार बनाने की कोशिश जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में देवेंद्र फडणवीस काम कर रहे हैं। राणे ने कहा, ''मैं पार्टी का नेता होने के नाते सरकार बनाने में मदद करूंगा। शिवसेना से कांग्रेस होते हुए भाजपा में पहुंचे नारायण ने कहा कि हम जब भी राज्यपाल के पास जाएंगे, 145 विधायकों के साथ जाएंगे। हम सरकार बनाने की कोशिश जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि शिवसेना ने ही साम दाम दंड भेद सिखाया है।''

भाजपा कैसे बना सकती है सरकार?
288 सीटों वाले राज्य में भाजपा के पास 105 सीटें हैं। फडणवीस नतीजों के बाद ही ये कह चुके हैं कि 15 निर्दलीय विधायक उनके संपर्क में हैं और भाजपा में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में भाजपा का आंकड़ा 120 पहुंच जाता है। बहुमत के लिए 145 विधायकों का समर्थन चाहिए। भाजपा बहुमत के आंकड़े से 25 सीटें दूर है। ऐसे में अगर शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के 49 विधायक अगर इस्तीफा दे देते हैं तो भाजपा आसानी से सरकार बना लेगी। हालांकि, ऐसा होना काफी मुश्किल है। लेकिन जिस तरह से कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों के इस्तीफे के बाद भाजपा ने सरकार बना ली थी, उस तरह से यह नामुमकिन नहीं है। 

महाराष्ट्र
कुल सीटें-
288
बहुमत के लिए- 145

पार्टीसीट
भाजपा105
शिवसेना56
एनसीपी54
कांग्रेस44
अन्य29