सार
पश्चिम बंगाल में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बंद कमरे में पार्टी के विधायकों व सांसदों की मीटिंग कर आवश्यक निर्देश दिए हैं। नड्डा ने नेताओं को पश्चिम बंगाल के विभाजन को लेकर बयानबाजी से परहेज करने का निर्देश दिया है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में राज्य के विभाजन को लेकर बीजेपी और टीएमसी आमने सामने हैं। राज्य बीजेपी के नेता लगातार बंगाल के विभाजन किए जाने को लेकर तमाम तरह के दावे कर रहे हैं। बीजेपी नेताओं के दावों के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कहा कि वह अपने खून का कतरा-कतरा बहा देंगी लेकिन विभाजन नहीं होने देंगी। उधर, इस बहसबाजी में हस्तक्षेप करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने कार्यकर्ताओं से साफ-साफ कह दिया कि वे लोग विभाजन के मुद्दों को उठाने से परहेज करें। बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष पश्चिम बंगाल के दौरे के आखिरी दिन विधायकों व सांसदों की मीटिंग लेते हुए यह निर्देश दिया।
कार्यकर्ता या नेता विभाजन या अलग राज्य के मुद्दे से बचे
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विधायकों व सांसदों के साथ मीटिंग के दौरान यह कहा कि कोई भी पार्टी का व्यक्ति पश्चिम बंगाल के विभाजन या अलग राज्य बनाने के मुद्दे पर बोलने से पूर्णतया परहेज करे। उन्होंने कहा कि अलग राज्य या पश्चिम बंगाल के विभाजन को लेकर दिए जा रहे बीजेपी नेताओं के बयान से जनता में गलत संदेश जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाजन को लेकर जो दावा स्थानीय नेताओं द्वारा की जा रही है वह बीजेपी का अधिकारिक स्टैंड नहीं है। पहले भी यह स्पष्ट किया गया था कि किसी को भी ऐसी कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए जिससे पार्टी को शर्मिंदगी हो।
बीजेपी के सांसद-विधायक विभाजन की मांग कर रहे
दरअसल, पश्चिम बंगाल के उत्तर बंगाल क्षेत्र के जिलों को मिलाकर एक अलग राज्य बनाने की मांग बीजेपी के कुछ सांसद व विधायक लगातार कर रहे हैं। कर्सियांग के भाजपा विधायक विष्णु प्रसाद शर्मा ने गुरुवार सुबह पश्चिम बंगाल के विभाजन की मांग की थी और कहा था कि वह नड्डा की सांसदों के साथ बैठक के दौरान इस मामले को उठाएंगे। भाजपा के अलीपुरद्वार के सांसद जॉन बारला और माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी और डबग्राम-फुलबारी सीटों के विधायकों ने भी उत्तर बंगाल जिले से अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की है।
नड्डा ने दी नसीहत, न करें विभाजन की बात
राज्य के एक अन्य भाजपा नेता ने कहा कि जेपी नड्डा के निर्देश महत्वपूर्ण थे क्योंकि कुछ विधायकों और सांसदों की टिप्पणियों से पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ी है। बंद कमरे में हुई बैठक के दौरान भाजपा अध्यक्ष ने बंगाल के भाजपा नेताओं से संगठन को मजबूत करने और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ 'कुशासन का पर्दाफाश' करने के लिए जोश से लड़ने का आग्रह किया। पार्टी के एक विधायक ने कहा कि नड्डा जी ने कहा है कि राज्य इकाई को अपनी कमर कस लेनी चाहिए और नेताओं और कार्यकर्ताओं को हर बूथ पर जाना चाहिए और केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के विकास कार्यों को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि नड्डा ने पार्टी विधायकों से प्रतिदिन कम से कम दो घंटे जनता से मिलने के लिए भी कहा।
ममता बनर्जी ने लगाया अलगाववाद का आरोप
उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर राज्य में अलगाववाद को बढ़ावा देने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। पश्चिम बंगाल के विभाजन की अनुमति नहीं देने का संकल्प लिया है। उन्होंने साफ कहा कि वह खून का एक-एक कतरा बहा देंगी लेकिन किसी भी कीमत पर राज्य का विभाजन नहीं होने देंगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी हमेशा से ही अलगाववाद की राजनीति करती आ रही है।
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