सार
महाराजा कॉलेज की मार्क लिस्ट विवाद में निर्भीक रिपोर्टिंग के चलते एशियानेट न्यूज की चीफ रिपोर्टर अखिला नंदकुमार के खिलाफ केरल पुलिस ने केस दर्ज किया है। नंदकुमार के खिलाफ वामपंथी समर्थित स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने शिकायत की थी।
कोच्चि। केरल में प्रेस की स्वतंत्रता का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। कोच्चि सिटी पुलिस ने निर्भीक रिपोर्टिंग के चलते एशियानेट न्यूज की चीफ रिपोर्टर अखिला नंदकुमार के खिलाफ केस दर्ज किया है। उन्हें एक साजिश के मामले में फंसाया गया है।
अखिला महाराजा कॉलेज की मार्क लिस्ट विवाद (Maharaja mark list controversy) में लगातार निडर होकर रिपोर्टिंग कर रहीं हैं। इससे परेशान होकर वामपंथी समर्थित स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने शिकायत की थी। पुलिस ने आरोपों की जांच किए बिना ही अखिला नंदकुमार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
अखिला के खिलाफ स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के राज्य सचिव पीएम अर्शो ने शिकायत की थी। पुलिस ने अर्शो द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच को जरूरी तक नहीं समझा और केस दर्ज कर दिया। पुलिस द्वारा दर्ज किए गए केस में महाराजा कॉलेज के प्रिंसिपल वी एस जॉय और पुरातत्व विभाग के प्रमुख डॉ विनोद कुमार पहले दो आरोपी हैं। केएसयू के प्रदेश अध्यक्ष अलॉयसियस जेवियर और केएसयू महाराजा की इकाई के अध्यक्ष सीए फैसल तीसरे और चौथे आरोपी हैं।
छह जून को महाराजा कॉलेज परिसर गईं थीं अखिला
अखिला और उनके कैमरामैन छह जून को महाराजा कॉलेज परिसर में एसएफआई की पूर्व नेता विद्या के जालसाजी मामले की जानकारी लेने पहुंचे थे। विद्या पर गेस्ट लेक्चरर का पद हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था। इसके बाद से विद्या फरार है। अखिला ने 11 बजे प्रिंसिपल और मलयालम सेक्शन के शिक्षक से लाइव बात की और जानकारी मांगी। अखिला ने प्रिंसिपल के कमरे में मौजूद छात्र प्रतिनिधियों से भी विद्या की जालसाजी के संबंध में उनकी प्रतिक्रिया मांगी।
अर्शो की मार्क लिस्ट का फर्जीवाड़ा आया था सामने
इसी दौरान एक छात्र प्रतिनिधि ने अर्शो की मार्क लिस्ट विवाद को उठाते हुए कहा कि इससे भी महत्वपूर्ण एक और मुद्दा है। इसके बाद अर्शो की मार्क लिस्ट विवाद सहित फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया। अर्शो ने इस घटना को अपने खिलाफ साजिश बताया और पुलिस में शिकायत की।
जालसाजी मामले की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने के लिए कॉलेज गए पत्रकार पर पुलिस ने साजिश का आरोप लगाया है। जालसाजी मामले में आरोपी विद्या को पुलिस खोज नहीं पाई, लेकिन पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज करने में पुलिस ने बिजली की तेजी से एक्शन लिया।