सार

करवा चौथ के दिन बीएसएफ के हेड कांस्टेबल विजय भान शहीद हो गए। शहादत की खबर पर परिवार के लोग सदमे में हैं। पत्नी ने बताया कि मैंने तो उनकी लम्बी उम्र की कामना के लिए व्रत रखा था। उन्होंने बताया कि मैंने एक दिन पहले ही उनसे फोन पर बात की थी।

नई दिल्ली. करवा चौथ के दिन बीएसएफ के हेड कांस्टेबल विजय भान शहीद हो गए। शहादत की खबर पर परिवार के लोग सदमे में हैं। पत्नी ने बताया कि मैंने तो उनकी लम्बी उम्र की कामना के लिए व्रत रखा था। उन्होंने बताया कि मैंने एक दिन पहले ही उनसे फोन पर बात की थी। जब उनके शहादत की खबर आई तो तब मेरे बेटे ने फोन उठाया। खबर सुनकर वह रोने लगा। बाद में उसने मुझे बताया कि अब पापा नहीं हैं।

"फ्लैग मीटिंग के दौरान हुए शहीद"
यूपी के फिरोजाबाद के चमरौली गांव के रहने वाले विजय 1990 में बीएसएफ में शामिल हुए थे। घर में पत्नी और दो बेटे हैं। विजय के भाई महेंद्र सिंह ने कहा, "मैंने कमांडेंट से बात की है। उन्होंने मुझे बताया कि एक फ्लैग मीटिंग के दौरान विजय शहीद हो गए। हमारे पास कोई अन्य जानकारी नहीं है।" 

बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश और बीएसएफ के बीच हुई फायरिंग
बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) और बीएसएफ के बीच फायरिंग में विजय भान शहीद हुए। दरअसल गुरुवार को भारत-बांग्लादेश सीमा पर भारत के तीन मछुआरे पद्मा नदी में मछली पकड़ने गए थे। दो मछुआरे लौटकर आए और उन्होंने बीएसएफ को सूचना दी कि बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश ने उन्हें पकड़ लिया था लेकिन बाद में दो को छोड़ दिया। मछुआरों के मुताबिक, बीजीबी ने उनसे कहा कि वे बीएसएफ पोस्ट कमांडर को फ्लैग मीटिंग के लिए बुलाएं।

विजय भान के सिर पर लगी गोली
जब बीएसएफ के जवान भारतीय मछुआरे की तलाश में गए तो बीजीबी ने उनपर गोलाबारी कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंह के सिर पर गोली लगने के बाद उनकी मृत्यु हो गई। एक अन्य कांस्टेबल-कम-बोटमैन को उनके दाहिने हाथ में गोली लगी।