सार

केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में हुडा सिटी सेंटर से साइबर सिटी रुग्राम के साथ ही द्वारका एक्सप्रेस-वे तक मेट्रो कनेक्टिविटी को मंजूरी दी गई है। दिल्ली-एनसीआर के पैसेंजर्स के लिए यह बड़ा तोहफा है।

 

Metro Connectivity. केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग के दौरान बुधवार को दिल्ली-एनसीआर के लिए खास प्लान को मंजूरी दी गई। यह मंजूरी हुडा सिटी सेंटर से लेकर गुरुग्राम साइबर सिटी और उससे लगने वाले द्वारका एक्सप्रेस-वे तक मेट्रो चलाने को लेकर दी गई। इस रुट पर मेट्रो चलती है तो रोड पर वाहनों का भार कम होगा और पैसेंजर्स को कम समय में अपने नियत स्थान पर पहुंचने की सुविधा भी मिलेगी।

हुडा सिटी सेंटर से साइबर सिटी मेट्रो पर कितना खर्च

जानकारी के अनुसार पूरी तरह से उन्नत इस परियोजना पर 5,452 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में हुडा सिटी सेंटर से साइबर सिटी तक स्पर के साथ द्वारका एक्सप्रेसवे, गुरुग्राम तक मेट्रो कनेक्टिविटी को मंजूरी दे दी गई है। यह मार्ग पर 27 स्टेशनों वाले 28.50 किमी की दूरी को कवर करता है। इस परियोजना की कुल लागत करीब 5,452 करोड़ रुपये होगी। यह 1435 मिमी (5 फीट 8.5 इंच) की मानक गेज लाइन होगी। पूरा प्रोजेक्ट एलिवेटेड होगा। डिपो से कनेक्टिविटी के लिए बसई गांव से स्पर प्रदान किया गया है।

4 साल में पूरी होगी यह परियोजना

रिपोर्ट्स की मानें तो परियोजना को मंजूरी की तारीख से चार साल में पूरा करने का प्रस्ताव किया गया है। इसे हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (HMRTC) द्वारा लागू किया जाना है, जिसे 50:50 स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) के रूप में स्थापित किया जाएगा। भारत सरकार एवं हरियाणा सरकार द्वारा स्वीकृति आदेश जारी किये जाने के पश्चात यह काम शुरू कर दिया जाएगा।

 

 

इस प्रोजेक्ट से क्या होगा लाभ

आज की तारीख में ओल्ड गुरुग्राम में मेट्रो लाइन नहीं है। इस लाइन की मुख्य विशेषता न्यू गुरुग्राम को पुराने गुरुग्राम से जोड़ना है। यह नेटवर्क भारतीय रेलवे स्टेशन से जुड़ेगा। अगले चरण में, यह IGI हवाई अड्डे से कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

कैसे तैयार होगा यह प्रोजेक्ट

जानकारी के अनुसार इसका पहला चरण सिकंदरपुर से साइबर हब के बीच कुल रूट लंबाई 5.1 किमी है, जिसे शुरू में डीएलएफ और आईएल एंड एफएस समूह की दो कंपनियों यानी आईईआरएस (आईएल एंड एफएस एनसो रेल सिस्टम) और आईटीएनएल (आईएल एंड एफएस ट्रांसपोर्ट नेटवर्क लिमिटेड) के कंसोर्टियम द्वारा बनाया जाएगा। दूसरा चरण सिकंदरपुर से सेक्टर -56 के बीच 6.5 किमी की लंबाई के साथ है, जिसे शुरू में IL&FS की दो कंपनियों यानी ITNL (IL&FS Transport Network Limited) और IRL (IL&FS Rail Limited) के कंसोर्टियम द्वारा बनाया जाएगै।

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