सार
केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) भूमि घोटाला मामले की जांच का जिम्मा संभाल लिया है और एजेंसी ने अपनी प्राथमिकी में पूर्व सीईओ पी सी गुप्ता और 20 अन्य को नामजद किया है
नई दिल्ली: केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) भूमि घोटाला मामले की जांच का जिम्मा संभाल लिया है और एजेंसी ने अपनी प्राथमिकी में पूर्व सीईओ पी सी गुप्ता और 20 अन्य को नामजद किया है।
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि प्रक्रिया के अनुरूप एजेंसी ने उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी फिर से पंजीकृत की जिसमें आरोप लगाया गया है कि यीडा ने ग्रेटर नोएडा को आगरा से जोड़ने वाले 165 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे के आसपास विकास गतिविधियों के लिए मथुरा के सात गांवों में 57.15 हेक्टेयर भूमि के लिए 85.49 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।
सरकारी खजाने को 126 करोड़ रुपये का नुकसान
पुलिस ने आरोप लगाया था कि गुप्ता ने अपने रिश्तेदारों और सहयोगियों के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश के तहत सबसे पहले किसानों से जमीन खरीदी और बाद में इसकी खरीद के चार से छह महीनों के भीतर इसे यीडा को बेच दिया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
यीडा ने अपनी आंतरिक जांच में सरकारी खजाने को 126 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया था, लेकिन प्राथमिकी में 85.49 करोड़ रुपये के भुगतान का जिक्र किया गया है। गुप्ता 2013-15 के दौरान सीईओ थे। वह यीडा में अतिरिक्त सीईओ और डिप्टी सीईओ के पद पर भी रहे थे।
अधिक मूल्य पर यीडा को बेचा
पुलिस रिपोर्ट अब सीबीआई की प्राथमिकी का हिस्सा है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि गुप्ता के रिश्तेदारों और करीब ने मुखौटा कंपनियों के जरिये सस्ती दरों पर कथित तौर पर जमीन खरीदी और इसे उसके खरीद मूल्य से दोगुना से अधिक मूल्य पर यीडा को बेच दिया जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
भूमि 2013-2015 के दौरान उस समय खरीदी गई थी जब समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश की सत्ता में थी। राज्य सरकार ने पिछले वर्ष 24 जुलाई को इसकी जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। केन्द्र सरकार ने 15 महीनों के बाद 24 अक्टूबर को इसकी जांच एजेंसी को सौंप दी थी।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने मंगलवार की अपराह्र आपराधिक साजिश तथा धोखाधड़ी के आरोपों और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)