सार
कोरोनाकाल में फ्रंटलाइन वर्कर्स अपनी जान हथेल पर रखकर ड्यूटी निभा रहे हैं। इनमें पत्रकार भी शामिल हैं। कोरोना संक्रमण के कारण अपनी जान गंवाने वाले 67 पत्रकारों के परिजनों को केंद्र सरकार 5-5 लाख रुपए की आर्थिक मदद देगी। केंद्र ने इस संबंध में भेजे गए सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी दी।
नई दिल्ली. कोरोना की दूसरी लहर कई पत्रकारों को अपनी जान गंवानी पड़ी। कोरोनाकाल में फ्रंटलाइन वर्कर्स अपनी जान हथेल पर रखकर ड्यूटी निभा रहे हैं। इनमें पत्रकार भी शामिल हैं। कोरोना संक्रमण के कारण अपनी जान गंवाने वाले 67 पत्रकारों के परिजनों को केंद्र सरकार 5-5 लाख रुपए की आर्थिक मदद देगी। गुरुवार को केंद्र ने इस संबंध में भेजे गए सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी दी। इसके तहत 67 पत्रकारों के परिवारों को वित्तीय सहायता मंजूर की गई है।
लंबे समय से उठ रही थी मदद की मांग
कोरोना काल में अपनी ड्यूटी के दौरान संक्रमित होकर जान गंवाने वाले पत्रकारों की मदद के लिए लंबे समय से मांग उठती आ रही थी। यह सहायता प्राप्त करने के लिए आवेदन करना होगा। ये आवेदन साप्ताहिक आधार पर होने वाली जेडब्ल्यूयूएस बैठकों में रखे जाएंगे। इस संबंध में पत्र सूचना कार्यालय ने ऐसे पत्रकारों के परिवारों से संपर्क भी किया है, ताकि आवेदन से संबंधित मार्गदर्शन दिया जा सके। समिति की पहली बैठक गुरुवार को हुई। इसमें 11 पत्रकारों के परिजनों द्वारा भेजे गए आवेदनों पर विचार-विमर्श किया गया। जेडब्ल्यूएस की बैठक में जयदीप भटनागर, प्रधान महानिदेशक, पीआईबी, विक्रम सहाय, संयुक्त सचिव (आई एंड बी) सहित अन्य सदस्य शामिल हुए। पीआईबी की वेबसाइट accreditation.pib.gov.in के माध्यम से पत्रकार कल्याण योजना (जेडब्ल्यूएस) के तहत सहायता पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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