सार
Centre new law on judges appointment: जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कैश मिलने के बाद केंद्र सरकार जजों की नियुक्ति प्रक्रिया पर नए कानून की योजना बना रही है। NJAC एक्ट की बहाली पर भी चर्चा तेज, जल्द होगी सर्वदलीय बैठक।
Centre new law on judges appointment: जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Varma) के घर कथित कैश (Cash Recovery) बरामदगी के बाद केंद्र सरकार जजों की नियुक्ति (Judges Appointment) को लेकर नए कानून पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, NJAC कानून (NJAC Act) की बहाली हो सकती है। माना जा रहा है कि कानून बहाली पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल भी समर्थन कर सकते हैं। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने इस मुद्दे पर संसद में चर्चा की है और जल्द ही सर्वदलीय बैठक (All-Party Meeting) बुलाई जाएगी।
क्यों जजों की नियुक्ति पर नया कानून लाएगा केंद्र?
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Varma) के सरकारी आवास से कथित कैश (Cash Recovery) मिलने के बाद केंद्र सरकार जजों की नियुक्ति प्रक्रिया (Judges Appointment Process) को सुधारने के लिए नए कानून पर विचार कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक, अभी यह शुरुआती चरण में है लेकिन सरकार इसे पूरी तरह से नकार भी नहीं रही है। खास बात यह है कि कांग्रेस (Congress) समेत कई विपक्षी दल इस पर सरकार के साथ हो सकते हैं।
NJAC की बहाली के संकेत?
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC Act) को 2014 में पारित किया गया था लेकिन 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए खारिज कर दिया था। अब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इसके फिर से बहाल होने के संकेत दिए हैं।
21 मार्च को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस मुद्दे को उठाया था, जबकि उपराष्ट्रपति धनखड़ ने संसद में कहा: इस सदन में लगभग सर्वसम्मति से पारित एक ऐतिहासिक कानून मौजूद है। यदि इसे लागू किया गया होता तो शायद आज हमें इस तरह की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता।
सर्वदलीय बैठक बुलाने की तैयारी
सोमवार को उपराष्ट्रपति ने संसद भवन में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और नेता सदन जेपी नड्डा (JP Nadda) के साथ बैठक की। इस बैठक में जस्टिस यशवंत वर्मा केस और न्यायपालिका की साख (Judiciary’s Image) पर चर्चा हुई। हालांकि, NJAC की बहाली को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ लेकिन जजों की नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर जोर दिया गया। माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही सर्वदलीय बैठक (All-Party Meeting) बुलाने जा रही है।