सार

ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन (जीसीसी) द्वारा संचालित प्राइमरी व मिडिल स्कूल में तीनों पीड़िता पढ़ती हैं। पुलिस ने अज्ञात आरोपी की जांच शुरू कर दी है लेकिन केस अभी तक नहीं दर्ज हो सका है।

Chennai Sexual harassment case: चेन्नई के एक स्कूल में पढ़ने वाली तीन छात्राओं के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। तीनों छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने वाला आरोपी अज्ञात है। दो साल से स्कूल परिसर के बाहर आरोपी तीनों को सेक्सुअली असाल्ट करता था। ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन (जीसीसी) द्वारा संचालित प्राइमरी व मिडिल स्कूल में तीनों पीड़िता पढ़ती हैं। पुलिस ने अज्ञात आरोपी की जांच शुरू कर दी है लेकिन केस अभी तक नहीं दर्ज हो सका है।

12 साल से कम उम्र की तीनों लड़कियां

तीनों पीड़ित लड़कियां 12 साल से कम उम्र की हैं। पुलिस ने बताया कि एक की उम्र 8 साल, दूसरे की 10 और तीसरे की उम्र 12 साल है। तीनों लड़कियों को उसी स्कूल में पढ़ने वाला एक नौ साल का लड़का, अज्ञात व्यक्ति के पास ले गया था। पीड़िताओं की शिकायत पर तिरुवन्मियूर पुलिस जांच कर रही है। पुलिस ने बताया कि बच्चियों के माता-पिता अभी तक कोई तहरीर नहीं दिए हैं। कई अभिभावक हैरेसमेंट की पुष्टि किए हैं लेकिन लिखित शिकायत पर हस्ताक्षर करने से डर रहे हैं।

आरोपी के पास ले जाने वाले लड़के को पुलिस ने बैठाया

हालांकि, 23 जनवरी को माता-पिता में से एक द्वारा पुलिस को सूचना देने के बाद तिरुवन्मियूर पुलिस ने आरोपी तक पहुंचाने वाले लड़के और उसकी मां को थाने में बैठा लिया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

बच्चे को बैठाए जाने पर चाइल्ड एक्टीविस्ट हुए सक्रिय

उधर, बच्चे को थाने में बैठाए जाने के बाद 30 जनवरी को पुलिस स्टेशन पर चाइल्ड एक्टीविस्ट पहुंचे। बाल कार्यकर्ता देवनेयन ने बताया कि नाबालिग लड़के को पुलिस में बैठाकर उसका उत्पीड़न किया जा रहा है। लड़के को आदर्श रूप से किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया जाना चाहिए था। उन्हें उसे थाने में रोककर परेशान नहीं करना चाहिए था। देवनेयन ने कहा कि बाल अधिकारों से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए। हालांकि, पुलिस ने नाबालिग लड़के के साथ मारपीट करने के आरोपों से इनकार किया है।

जीसीसी ने लगाया एफआईआर नहीं करने का आरोप

जीसीसी के डिप्टी कमिश्नर (शिक्षा) शरण्या अरी ने बताया कि स्कूल ने पुलिस को सूचित किया था। स्कूल के कर्मचारियों ने प्रभावित बच्चों से बात की है और चाइल्डलाइन और पुलिस दोनों को सूचित किया है। स्कूल द्वारा पुलिस को सूचित करने के बावजूद अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।

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