सार
एनआरसी और सीएए का देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। केरल और पंजाब सरकार इस कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारिज कर चुकी है। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान सरकार भी इसे अपने राज्य में लागू न करने की बात कह चुकी है।
नई दिल्ली. एनआरसी और सीएए का देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। केरल और पंजाब सरकार इस कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारिज कर चुकी है। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान सरकार भी इसे अपने राज्य में लागू न करने की बात कह चुकी है। इस बीच लेखक चेतन भगत ने कहा कि एनआरसी की वजह से अल्पसंख्यकों में भय का माहौल है।
"भाजपा करती है ध्रुवीकरण की कोशिश"
चेतन भगत ने कहा कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि एनआरसी को लेकर डर तर्कसंगत है। यह डर वास्तविक है। भाजपा ने हमेशा से ध्रुवीकरण की कोशिश की है, लोग यही सोचते हैं। यह सरकार चिंता का कारण बन चुकी है। खासकर अल्पसंख्यक समुदाय में। एनआरसी धर्मनिरपेक्ष हो सकता है, लेकिन यह सभी भारतीयों के लिए एक धर्मनिरपेक्ष उत्पीड़न भी है। कितनी बार लोगों को अपनी पहचान साबित करनी होगी। यह सब कब खत्म होगा।
"यह एक महंगी प्रक्रिया है"
उन्होंने कहा, एनआरसी एक महंगी और अराजक प्रक्रिया है। यह गृहयुद्ध को बढ़ावा दे सकती है। अगर आपके दस्तावेज होंगे भी तो अधिकारी उन्हें खारिज कर सकते हैं। ऐसे में आप क्या करेंगे।
- अगर पांच फीसदी लोग भी अवैध पाए गए तो आप क्या करेंगे। आप उन्हें नहीं भेज सकते हैं।
- उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि एनआरसी को हमेशा के लिए न लाया जाए, लेकिन इसे तब लाया जाए जब सिस्टम सही हो और इससे किसी का नुकसान न हो।
क्या है सीएए ?
नागरिकता कानून 2019 भारत के तीन पड़ोसी देशों से धार्मिक उत्पीड़न ही वजह से भारत आने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश देशों में सिख, जैन, हिंदू, बौद्ध, इसाई और पारसी अल्पसंख्यक हैं। ये तीनों देश मुस्लिम राष्ट्र हैं, इस वजह से उनमें धार्मिक अल्पसंख्यक को उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है। इन लोगों को भारत में नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।