सार
सोमवार 3 जनवरी से देश में 15 से 17 उम्र वाले किशोरों का वैक्सीनेशन (Children Vaccination) शुरू हुआ। इसमें कई प्रदेशों ने तेजी दिखाई, जबकि कुछ प्रदेश पीछे रहे। इनमें सबसे पहला नाम पंजाब का आता है। यहां मंगलवार दोपहर तक बच्चों को सिर्फ 5 हजार टीके ही लग सके थे।
नई दिल्ली। सोमवार तीन जनवरी 2022 से देश में 15 से 17 उम्र वालों का कोरोना रोधी वैक्सीनेशन (Covid 19 Vaccination) शुरू हुआ। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh )और गुजरात (Gujrat) इसमें पहले और दूसरे नंबर पर रहे, जबकि पंजाब (Punjab) फिसड्डी रहा। कोविन पोर्टल के अनुसार मंगलवार दोपहर 2 बजे तक इस राज्य में 15 से 17 उम्र वाले महज 4,843 हजार बच्चों को वैक्सीन लगाई गई। इस उम्र वालों के वैक्सीनेशन में गोवा भी काफी पीछे है। यहां महज 6 हजार बच्चों को वैक्सीन लगी। राजधानी दिल्ली में भी वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी ही रही। यहां मंगलवार दोपहर तक 28 हजार बच्चों को ही वैक्सीन लगी।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मरीज, लेकिन वैक्सीनेशन में पीछे
संक्रमण और ओमीक्रोन से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र भी 15 से 17 आयु वर्ग वाले बच्चों को वैक्सीन लगाने में पीछे रहा। यहां 13 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज लग चुकी है, लेकिन बच्चों के मामले में मंगलवार दोपहर तक महज 2.15 लाख डोज ही लग पाई थीं। मुंबई के 9 सेंटरों पर तो पहले दिन पोर्टल में दिक्कत होने की वजह से काफी देर तक बच्चों का वैक्सीनेशन नहीं हो सका था। मुंबई में इस उम्र के किशोरों को मंगलवार दोपहर तक महज 8 हजार डोज ही लगीं। इससे ज्यादा 19 हजार डोज तो अहमदनगर जैसे जिले में लग गईं, जहां आबादी मुंबई से काफी कम है।
केरल में सिर्फ 73 हजार को डोज
संक्रमण के मामले में केरल देश में दूसरे नंबर पर है। यहां रोजाना 2500 के आसपास नए कोविड केस मिल रहे हैं, फिर भी यहां बच्चों के वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी रही। यहां मंगलवार दोपहर तक महज 73 हजार किशोरों को वैक्सीन लगाई जा सकी। बच्चों के मामले में आंध्र प्रदेश का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। यहां 5 लाख से ज्यादा बच्चों को वैक्सीन की डोज लग गईं।
क्यों जरूरी है 15 से 17 उम्र वालों के लिए वैक्सीन
देश में 15-17 उम्र के बच्चों की संख्या 10 करोड़ के आसपास है। दूसरी लहर के बाद स्कूल शुरू किए ही गए थे, कि ओमीक्रोन के चलते राज्यों ने फिर से स्कूल बंद कर दिए। इन्हें सुचारु रूप से चलाने और बच्चों को संक्रमण से बचाने विशेषज्ञों ने बच्चों को वैक्सीनेट करने की सलाह दी थी। ज्यादातर देशों में बच्चों का टीकाकरण 2021 में ही शुरू हो चुका है।
बच्चों के लिए कोवैक्सीन को इजाजत
25 दिसंबर को भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin)को 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिली है। यही वैक्सीन देश भर में बच्चों को लगाई जा रही है। हालांकि, अगस्त 2021 में इसी उम्र के बच्चों के लिए कैडिला की जायकोव-डी (ZyCoV-D ) डीएनए वैक्सीन को भी DGCI की मंजूरी मिली थी। जायकोव डी भी बच्चों पर ट्रायल में बेहतर रही है, लेकिन यह वैक्सीन अभी सरकार के पास उपलब्ध नहीं है।
15 से 17 वालों का कहां-कितना वैक्सीनेशन
मध्यप्रदेश | 8,12,275 |
गुजरात | 6,86,927 |
आंध्र प्रदेश | 5,57,288 |
कर्नाटक | 4,61,691 |
राजस्थान | 4,20,059 |
महाराष्ट्र | 2,15,020 |
तमिलनाडु | 2,41,842 |
उत्तर प्रदेश | 1,99,553 |
छत्तीसगढ़ | 1,97,788 |
बिहार | 1,94,678 |
ओडिशा | 1,14,157 |
हरियाणा | 85,764 |
हिमाचल प्रदेश | 84,239 |
असम | 93,649 |
जम्मू-कश्मीर | 33,392 |
तेलंगाना | 33,843 |
दिल्ली | 28,264 |
गोवा | 6,613 |
पंजाब | 4,843 |
चंडीगढ़ | 2,790 |
(स्रोत : कोविन पोर्टल के दोपहर 1:30 बजे के आंकड़े)
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