सार

लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल काफी हंगामे के बीच पास हो गया। चर्चा के दौरान विपक्ष ने हंगामा किया और केंद्र सरकार के सामने सवाल खड़ा किया। जिसका जवाब गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में दिया। लेकिन अब इस बिल को राज्यसभा से पेश कराना सबसे बड़ी चुनौती साबित होगी। 
 

नई दिल्ली. लोकसभा में विपक्ष और पूर्वोत्तर के राज्यों में तमाम विरोधों के बाद नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा से पास हो गया है। इस बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े हैं। वहीं विपक्ष में 80 वोट पड़े हैं। लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने हंगामा किया और केंद्र सरकार के सामने सवाल खड़ा किया। जिसका जवाब गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में दिया। नागरिकता संशोधन बिल के लोकसभा से पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ की। यह बिल अब राज्यसभा में बुधवार को पेश किया जा सकता है। 

कांग्रेस न करती विभाजन तो नहीं लाना पड़ता बिल

नागरिकता संशोधन बिल पर बहस के दौरान अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस देश का विभाजन न करती तो मुझे यह बिल लेकर नहीं आना पड़ता। लोकसभा में शाह ने कहा, मैं चाहता हूं देश में भ्रम की स्थिति न बने। किसी भी तरीके से ये बिल गैर संवैधानिक नहीं है। न ही ये बिल अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है। धर्म के आधार पर ही देश का विभाजन हुआ था। देश का विभाजन धर्म के आधार पर न होता तो अच्छा होता। इसके बाद इस बिल को लेकर आने की जरूरत हुई। 1950 में नेहरू-लियाकत समझौता हुआ था, जो कि धरा का धरा रह गया। 

रात में भी बैठी संसद

नागरिकता संशोधन बिल को पास कराने के लिए रात को भी संसद बैठी। जिसमें काफी लंबे बहस के बाद इसे भारी वोटों से पास करा लिया गया। वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह लोकसभा में पूरी तैयारी के साथ सख्त तेवर में दिखाई दिए। जिसमें उन्होंने विपक्ष के सभी सवालों और आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया। इन सब के बीच अहम बात यह है कि नागरिकता संशोधन बिल को पेश करने के लिए आधी रात के बाद भी संसद की कार्यवाही जारी थी। 

कांग्रेस ने क्यों मानी टू नेशन थ्योरी 

लोकसभा में भाषण के दौरान अमित शाह ने कहा, जो वोट बैंक के लिए घुसपैठियों को शरण देना चाहता है, हम उन्हें सफल नहीं होने देंगे। वोट के लिए घुसपैठियों को शरण देने वाले चिंतित हैं। रोहिंग्या को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। रोहिंग्या बांग्लादेश के जरिए भारत आते हैं। उन्होंने कहा, किसी भी रिफ्यूजी पॉलिसी को भारत ने स्वीकार नहीं किया है। पारसी भी प्रताड़ित होकर ईरान से भारत आए थे। कांग्रेस ने जिन्ना की टू नेशन थ्योरी क्यों मानी? कांग्रेस ने विभाजन को क्यों नहीं रोका? पीओके हमारा है और वहां के लोग भी हमारे हैं।