सार
हैदराबाद वेटनरी डॉक्टर से दरिंदगी कर विभत्स घटना को अंजाम देने वाले चारों आरोपी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। उनके मारे जाने के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे है। इन सब के बीच परिजनों द्वारा लगातार आरोपों का दौर जारी है। साथ ही इस मामले हर रोज नए- नए राज सामने आ रहे हैं। जिसमें परिजनों ने दो आरोपियों के नाबालिग होने का दावा किया है।
हैदराबाद. साइबराबाद पुलिस कमिश्नरी के अंतर्गत शादनगर में ड्यूटी से लौट रही वेटनरी डाक्टर के साथ दरिंदगी करने वाले चारों आरोपी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। जिसके बाद से विवाद खड़ा हो गया है। इन सब के बीच आरोपियों के परिवार वालों ने नया खुलासा किया है। जिसमें दो मृतकों के परिजनों ने अपने बेटों को नाबालिग बताया है। जिसके बाद से इस मामले अब नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। साथ ही परिजनों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सामने भी यह आरोप लगाया है कि चारों को एक फेक एनकाउंटर में मारा गया है।
नाबालिग होने का मां ने दिया प्रमाण
पुलिस द्वारा सीन के रिक्रिएशन के दौरान मुठभेड़ हुई। जिसमें पुलिस की गोलियों से चारों आरोपी ढेर हो गए। मारे गए जे नवीन, जे शिवा, चेनाकेशवुलु और मोहम्मद अरीफ सभी आरोपी नारायणपेट जिले के गुडिगंडला और जकलैर गांव के रहने वाले हैं। नवीन की मां लक्ष्मी ने कहा, 'नवीन मेरा इकलौता बेटा था और जब उसे मारा गया तो मात्र 17 साल का था। उसका जन्म 2002 में हुआ था। कुछ साल पहले उसने स्कूल छोड़ दिया था। हमें जल्द ही चिन्नापोरमा स्कूल से लीविंग सर्टिफिकेट मिल जाएगा जहां उसने पढ़ाई की थी।
मेरा बेटा अपराधी था तो पुलिस कोर्ट को सौंपती
पुलिस मुठभेड़ में मारे गए 4 आरोपियों में से जे शिवा के पिता जे रंजना ने राष्ट्रीय मानवाधिकार के अधिकारियों से कहा कि उन्हें शक है कि पुलिस ने उनके बेटे को एक फर्जी एनकाउंटर में मारा है। उन्होंने कहा, 'वह हथियारबंद पुलिस के सामने से भागने की कोशिश कैसे कर सकता हैं? रंजना ने कहा अगर मेरे बेटे को अपराध किया भी हो तो भी पुलिस को उसे कोर्ट को सौंप देना चाहिए था।
17 साल का था मेरा बेटा
मारे गए शिवा की मां रंजना ने भी एनएचआरसी के अधिकारियों से बात की। जिसमें उसने बताया कि उसका बेटा शिवा 17 साल का ही था। उसने बताया कि 'शिवा का जन्म 5 अगस्त 2002 में हुआ था।' शिवा की मां ने गुडिगंडला सरकारी स्कूल के हेडमास्टर द्वारा जारी एक सर्टिफिकेट दिखाया। गौरतलब है कि नवीन और शिवा ट्रक क्लीनर थे, जबकि अरीफ और चेन्नाकेशवुलु ट्रक चलाते थे। चारों को महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के दो दिन बाद 29 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। चारों को 6 दिसंबर को एनकाउंटर में मारा गया जब उन्हें सबूत इकट्ठा करने के लिए शादनगर ले जाया जा रहा था।
यह है पूरा मामला
गौरतलब है कि ड्यूटी से वापस लौट रही वेटनरी डॉक्टर दिशा (बदला नाम) के साथ चारों आरोपियों ने हैवानियत की घटना को अंजाम दिया था। जिसके बाद इस मामले की जांच में जुटी पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जिन्हें पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था। जिसके बाद कोर्ट ने पुलिस रिमांड पर भेज दिया था। जहां पुलिस ने उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच सेंट्रल जेल में रखा था। पुलिस के मुताबिक 6 व 7 दिसंबर की दरमियाना रात आरोपियों को सीन रिक्रिएशन के लिए शादनगर ले गई। जहां पुलिस मोबाईल और अन्य सबूतों को खोज रही थी। पुलिस का कहना है कि इस दौरान आरोपियों ने भागने की कोशिश की। साथ ही हथियार भी लूट लिया। जिसके बाद अपराधियों और पुलिस के बीच रविवार की तड़के सुबह मुठभेड़ हुई। जिसमें चारों आरोपी ढेर हो गए। वहीं, इस मामले में दो पुलिसवाले भी घायल हुए थे।