सार
संशोधित नागरिकता कानून को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा मामले में बुधवार को मृतकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई
नई दिल्ली: आप नेता संजय सिंह ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा पर काबू करने में दिल्ली पुलिस के कथित तौर पर नाकाम रहने पर बुधवार को सवाल उठाए और पूछा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अनुरोधों के बावजूद सीमांत इलाकों को सील क्यों नहीं किया गया।
उन्होंने दावा किया कि जब से अमित शाह गृह मंत्री बने हैं तब से शहर में कानून-व्यवस्था के हालात ‘बदतर’ हो गए हैं।
हिंसा भड़काने वाले लोगों का कोई धर्म नहीं
आप नेता ने कहा, ‘‘हिंसा भड़काने वाले लोगों का कोई धर्म नहीं है। यह दिल्ली पुलिस की नाकामी है कि वह सीमांत इलाकों को सील करने में विफल रही। अरविंद केजरीवाल के अनुरोधों के बावजूद सीमायी इलाकों को सील क्यों नहीं किया गया?’’सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘लोगों को मारा जा रहा है, दुकानें और घर जलाए जा रहे हैं। कानून-व्यवस्था गृह मंत्रालय के अधीन आती है और जब से अमित शाह गृह मंत्री बने हैं तब से चीजें बदतर हो गई हैं।’’
CM केजरीवाल ने कहा स्थिति चिंताजनक
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्थिति ‘‘चिंताजनक’’ है। उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्री को इस संबंध में पत्र लिख रहे हैं। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘पूरी रात मैं बड़ी संख्या में लोगों के संपर्क में रहा हूं। स्थिति चिंताजनक है। पुलिस तमाम प्रयासों के बावजूद स्थिति को काबू नहीं कर पा रही है और लोगों में आत्मविश्वास नहीं भर पा रही है।’’
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अब सेना को बुलाया जाना चाहिए और शेष प्रभावित इलाकों में फौरन कर्फ्यू लगा देना चाहिए। मैं माननीय गृह मंत्री को इस संबंध में पत्र लिख रहा हूं।’’ सोमवार रात के बाद आगजनी, तनाव की घटनाओं के कारण राष्ट्रीय राजधानी सुलगती रही और मंगलवार को चांदबाग, भजनपुरा, गोकलपुरी, मौजपुर, कर्दमपुरी और जाफराबाद जैसे कई इलाकों में दो समूहों के लोगों के बीच संघर्ष तेज होता दिखा जिनके पास पेट्रोल बम भी थे और आगजनी की।
डोभाल ने लिया हालात का जायजा
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने मंगलवार रात को हालात का जायजा लिया। इस बीच, दिल्ली उच्च न्यायालय ने आधी रात को हुई सुनवाई में पुलिस को संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हुई हिंसा में घायल हुए लोगों को आपात उपचार के लिए सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
घायलों को पर्याप्त सुविधाओं के साथ तुरंत और सुरक्षित तरीके से अस्पताल पहुंचाने से संबंधित याचिका पर तत्काल सुनवाई के अनुरोध को देखते हुए न्यायमूर्ति एस मुरलीधर के आवास पर यह सुनवाई हुई। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बाद में पुलिस को यह भी निर्देश दिया कि वह बुधवार को दोपहर साढ़े 12 बजे तक उस याचिका पर जवाब दे जिसमें संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में उत्तर पूर्वी दिल्ली के इलाकों में जारी सांप्रदायिक हिंसा में शामिल लोगों की गिरफ्तारी और प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया गया है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)