सार
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने Asianet News Network के साथ खास बातचीत की है। उन्होंने दावा किया है कि 2024 में कर्नाटक में मोदी लहर नहीं है।
बेंगलुरु। लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में बीते शुक्रवार को कर्नाटक के 14 सीटों पर मतदान हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है। इसको लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने Asianet News Network से खास बातचीत में अपना पक्ष रखा है।
कर्नाटक में दूसरे फेज में 14 सीटों पर चुनाव हुए हैं। आपको कितनी सीटें जीतने की उम्मीद है?
सिद्धारमैया: हमारा अनुमान है कि 14 सीटों में से 9-10 सीटें जीतेंगे।
इस विश्वास का क्या आधार है?
सिद्धारमैया: सबसे पहले, राज्य सरकार की गारंटी योजनाएं सफलता के साथ लोगों तक पहुंची हैं। दूसरी वजह केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार की विफलताएं हैं। तीसरा, नरेंद्र मोदी सरकार ने कर्नाटक के प्रति अन्यायपूर्ण और घृणास्पद रवैया दिखाया है। लोग इससे परेशान हैं। गारंटी योजनाओं के सफल कार्यान्वयन ने राज्य की कांग्रेस सरकार में लोगों का विश्वास बढ़ाया है।
भाजपा का दावा है कि चुनाव राष्ट्रीय मामलों पर है न कि राज्य सरकार की गारंटी पर। आप क्या कहेंगे?
सिद्धारमैया: यह चुनाव वास्तव में राष्ट्रीय मुद्दों पर है। लोगों ने देखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछले 10 वर्षों में क्या किया है। भाजपा ने 2014 में सत्ता में आने पर किए गए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया है। पीएम मोदी के दावे- महंगाई पर कंट्रोल करना, किसानों की आय दोगुनी करना, किसानों के मुद्दों को हल करना और रुपये के मूल्य में सुधार करना- असफल रहे हैं। सब खोखला साबित हुआ। लोगों का मोदी सरकार से मोहभंग हो गया है। यह चुनाव के रिजल्ट में दिखाई देगा।
क्या कर्नाटक में अभी भी मोदी लहर है?
सिद्धारमैया: नहीं, जो मोदी लहर यहां 2014 और 2019 में था वह 2024 में गायब है। यहां हमारी सरकार की गारंटी योजनाओं की लहर है।
क्या चुनाव रिजल्ट को गारंटी योजनाओं के लिए जनादेश के रूप में देखा जा सकता है?
सिद्धारमैया: हां, गारंटी योजनाओं के सफल कार्यान्वयन से लोग खुश हैं। उन्हें हमारे प्रशासन पर भरोसा है। हमें विश्वास है कि वे हमारे पक्ष में मतदान करेंगे।
क्या राष्ट्रीय स्तर पर सिद्धारमैया सरकार पर हमले करना पीएम मोदी का मुख्य एजेंडा बन गया है?
सिद्धारमैया: हां, दुर्भाग्य से ऐसा है। प्रधानमंत्री मोदी झूठ बोलकर जनता को गुमराह कर रहे हैं।
वे क्या गलत बोल रहे हैं?
सिद्धारमैया: उनका दावा है कि हमारी राज्य सरकार ने हाल ही में मुस्लिम आरक्षण शुरू किया है। चिन्नाप्पा रेड्डी आयोग की रिपोर्ट के आधार पर, शिक्षा और रोजगार में मुसलमानों को 4% आरक्षण प्रदान करने की नीति 1994 में लागू की गई थी। मुख्यमंत्री के रूप में देवेगौड़ा के कार्यकाल के दौरान ही इसे अधिनियमित किया गया था। मोदी झूठा दावा कर रहे हैं कि यह हालिया बदलाव है।
भाजपा का दावा है कि उसने कांग्रेस को मुसलमानों को धार्मिक आरक्षण देने से रोका। क्या वह सच है?
सिद्धारमैया: मुस्लिम आरक्षण तीन दशकों से लागू था। भाजपा के बसवराज बोम्मई के कार्यकाल के दौरान इसे समाप्त किया गया था। इस फैसले का विरोध मुस्लिम नेताओं ने किया था। वे मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले गए। इसके बाद, बोम्मई सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि वे मुस्लिम आरक्षण के संबंध में यथास्थिति बनाए रखेंगे। शब्द "यथास्थिति" का मतलब मौजूदा स्थिति बरकरार रखना है। इसमें मुस्लिम आरक्षण को जारी रखना भी शामिल है। नरेंद्र मोदी ने गलत तरीके से दावा किया कि सिद्धारमैया बोम्मई प्रशासन द्वारा जारी प्रथा के बावजूद मुसलमानों के लिए आरक्षण दे रहे हैं। गौरतलब है कि भारतीय संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का प्रावधान नहीं है।
ऐसा लगता है कि नरेंद्र मोदी को भारतीय संविधान की व्यापक समझ नहीं है। संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 उन व्यक्तियों को आरक्षण देने की वकालत करते हैं जो सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित हैं। इसके अनुरूप, चिन्नप्पा रेड्डी आयोग ने मुसलमानों को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदाय के रूप में मान्यता दी। नतीजतन, तीन दशक पहले 4% आरक्षण की स्थापना की गई थी। यह आरक्षण धर्म पर आधारित नहीं है बल्कि संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के दायरे में लागू किया गया है। इस वास्तविकता को अस्पष्ट करके, नरेंद्र मोदी गलत दावों से जनता को गुमराह कर रहे हैं।
अगर पीएम मोदी का बयान गलत है तो वह इसपर क्यों अड़े हुए हैं?
सिद्धारमैया: मोदी कर्नाटक में कांग्रेस सरकार को पसंद नहीं करते। कांग्रेस की सरकार होने के चलते उनके प्रशासन ने पर्याप्त सूखा राहत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद भी अनुरोधित की गई राशि का केवल 19 प्रतिशत ही दिया गया है। यह सरासर अन्याय है।
अपर्याप्त मुआवजे के संबंध में आपकी सरकार क्या करेगी?
सिद्धारमैया: हम केंद्र सरकार के इस अन्याय का विरोध करना जारी रखेंगे। हम मामले को पहले ही सुप्रीम कोर्ट ले गए हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा है कि चुनाव के बाद कर्नाटक में सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया जाएगा। उपमुख्यमंत्री नए मुख्यमंत्री होंगे। इसपर आप क्या कहेंगे?
सिद्धारमैया: जब बीजेपी यहां सत्ता में थी तो खुद प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों बदला था। वह अब हमारी पार्टी की आलोचना करते हैं। कांग्रेस आलाकमान जो भी फैसला करेगा हम उसका पालन करेंगे।
मोदी कहते हैं कि कांग्रेस में नेतृत्व की कमी है।
सिद्धारमैया: हर पार्टी में नेतृत्व विकसित हुआ है। जिस तरह मोदी से पहले वाजपेयी और आडवाणी ने भाजपा का नेतृत्व किया, उसी तरह आज हमारे मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी सक्षम नेता हैं। वे देश का मार्गदर्शन कर सकते हैं।
यदि कांग्रेस जीतती है तो प्रधानमंत्री कौन होगा?
सिद्धारमैया: कांग्रेस India नाम के गठबंधन का हिस्सा है। गठबंधन की संरचना के कारण किसी एक आदमी को प्रधानमंत्री नामित करना संभव नहीं है। रिजल्ट आने के बाद इसपर विचार होगा।
राज्य में बीजेपी-जेडीएस गठबंधन कितना प्रभावी है?
सिद्धारमैया: बीजेपी-जेडीएस गठबंधन का कोई असर नहीं दिख रहा है। वे एक-दूसरे से लड़ते रहे हैं। उन्होंने अचानक गठबंधन किया, लेकिन लोग उन पर कैसे भरोसा कर सकते हैं? यह गठबंधन स्वार्थ से प्रेरित है। ऐसा लगता है कि जद(एस) अवसरवादी राजनीति में लगी हुई है। जेडीएस नेताओं ने सुझाव दिया है कि अगर उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं किया होता तो कांग्रेस उनकी पार्टी को खत्म कर देती।
जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े मामले के बारे में क्या कहेंगे?
सिद्धारमैया: हमने रेवन्ना के खिलाफ आरोपों की एसआईटी जांच शुरू कर दी है। सरकार जांच में हस्तक्षेप नहीं करेगी। जो निष्कर्ष आएंगे उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
क्या इस चुनाव में मंत्रियों के बच्चों और रिश्तेदारों को प्राथमिकता मिली है?
सिद्धारमैया: कौन हैं लक्ष्मण, जिन्हें मैसूर से मिला टिकट? गौतम कौन है? क्या वे सभी पार्टी कार्यकर्ता नहीं हैं? इस बार, टिकट देते समय, हमने विधायकों, पिछले विधानसभा चुनाव में हारे हुए लोगों, जिला अध्यक्षों, ब्लॉक अध्यक्षों और प्रभारी मंत्रियों सहित अन्य लोगों को प्राथमिकता दी है। इनकी सिफारिश स्थानीय लोगों ने की थी। स्थानीय लोगों की राय के खिलाफ जाना संभव नहीं है। कई मंत्रियों के बच्चे चुनाव में खड़े हुए। मेरे बेटे यतींद्र ने कभी भी चुनाव लड़ने का इरादा व्यक्त नहीं किया। उन्होंने टिकट की मांग भी नहीं की।
आपके बेटे यतींद्र के राजनीतिक भविष्य पर आपके क्या विचार हैं?
सिद्धारमैया: यतींद्र ने यह चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। इसके बजाय उन्होंने मेरा समर्थन किया है। कांग्रेस आलाकमान चुनाव नतीजों का मूल्यांकन करने के बाद राजनीति में उनका भविष्य तय करेगा।
क्या आप मानते हैं कि नेहा मामले का असर होगा?
सिद्धारमैया: नेहा मामला दुर्भाग्यपूर्ण है। हम इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं। हमने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को पकड़ा। जांच सीआईडी को सौंपी गई है। विशेष कोर्ट की स्थापना की गई है। अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हम सभी जरूरी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित कर रहे हैं।