सार
महाराष्ट्र में बड़ा भाई बनने की जिद में शिवसेना ने भाजपा से भले ही गठबंधन तोड़ लिया हो लेकिन इस बार भी पार्टी को एनसीपी के सामने झुकना ही पड़ा। दरअसल, महा विकास अघाड़ी सरकार में एनसीपी को सबसे ज्यादा 16 मंत्रीपद मिलने जा रहे हैं।
मुंबई. महाराष्ट्र में बड़ा भाई बनने की जिद में शिवसेना ने भाजपा से भले ही गठबंधन तोड़ लिया हो लेकिन इस बार भी पार्टी को एनसीपी के सामने झुकना ही पड़ा। दरअसल, महा विकास अघाड़ी सरकार में एनसीपी को सबसे ज्यादा 16 मंत्रीपद मिलने जा रहे हैं। एनसीपी को डिप्टी सीएम भी मिलेगा।
वहीं, शिवसेना में मुख्यमंत्री पद समेत 15 विधायकों को कैबिनेट में जगह मिलेगी। कांग्रेस 12 मंत्रीपद पर सहमत हुई है। इसके अलावा स्पीकर भी कांग्रेस का होगा।
शिवसेना कोटे की सीट एनसीपी को मिली
तीनों पार्टियों की बैठक में शामिल एक कांग्रेसी नेता ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि स्पीकर पद कांग्रेस को देने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शिवसेना कोटे की एक सीट एनसीपी को देने के लिए राजी हो गए।
कांग्रेस भी डिप्टी सीएम का पद मांग रही थी
उन्होंने बताया, तीनों पार्टियों का मुख्य लक्ष्य भाजपा को सत्ता से बाहर रखना है। इस पूरी प्रक्रिया में कांग्रेस सबसे पीछे रही है। हम भी डिप्टी सीएम पद मांग रहे थे, लेकिन अब हमें सिर्फ स्पीकर पद से संतोष करना पड़ेगा।
डिप्टी सीएम, स्पीकर के अलावा 12 मंत्री पद मांग रही थी कांग्रेस
पहली बैठक, जिसमें अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हुए थे, उसमें एनसीपी और शिवसेना कांग्रेस को डिप्टी सीएम, स्पीकर और 12 मंत्री पद देने के लिए राजी हो गए थे। लेकिन बाद में एनसीपी दो उप मुख्यमंत्री का विरोध करने लगी। इसके बाद ये तय हुआ कि कांग्रेस को सिर्फ स्पीकर पद दिया जाएगा।
15 दिन तक चला बैठकों का दौर
पिछले 15 दिन में कई बैठकें हुईं। इनमें दो डिप्टी सीएम को लेकर बात हुई। लेकिन बाद में केवल स्पीकर पर ही बात बनी। कांग्रेस ने साफ कर दिया था कि उसे स्पीकर का पद नहीं चाहिए, उसे डिप्टी सीएम पद चाहिए। लेकिन अजित पवार ने एनसीपी की ओर से कहा कि सरकार में केवल एक ही उप मुख्यमंत्री होगा। इसके बाद कांग्रेस के पास स्पीकर पद लेने के अलावा कोई ऑपशन नहीं बचा था।