सार
इंग्लैंड में होने जा रहे कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) में हरियाणा की पैरा खिलाड़ी शर्मीला (Sharmila) भी हिस्सा लेंगी। पैर से 40 प्रतिशत दिव्यांग शर्मीला कॉमनवेल्थ में शॉटपुट में कैटेगरी एफ 57 गेम में भाग लेंगी।
नई दिल्ली. इंग्लैंड में 28 जुलाई से कॉमनवेल्थ गेम्स होने जा रहे हैं। इसमें हरियाणा के रेवाड़ी की एक ऐसी बेटी भी हिस्सा लेंगी जिनका लाइफ स्ट्रगल जानकर आप हैरान रह जाएंगे। जी हां उस महिला खिलाड़ी की नाम शर्मिला है। शर्मिला कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में शॉटपुर में कैटेगरी एफ57 में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी। शर्मीला ने 34 साल की उम्र में खेल की प्रैक्टिस शुरू की और महज 2 साल में वे नेशनल चैंपियन हैं। कौन हैं शर्मीला और क्या है उनकी प्रेरणादायी कहानी...
कौन हैं शर्मीला, कैसे किया संघर्ष
पीएम मोदी से बातचीत के दौरान पैरा प्लेयर शर्मीला ने बताया कि हरियाणा के महेंद्रगढ़ के गांव छितरौली की रहने वाली हैं। उनके माता-पिता बेहद गरीब हैं। परिवार में 3 बहनें और 1 भाई है। शर्मिला की शादी काफी कम उम्र में ही कर दी गई थी। शर्मीला के ससुराल में उन्हें बहुत प्रताड़ित किया गया, पति ने भी अत्याचार किए। वहां से वे अपने मायके लौट आईं और 6 साल तक ससुराल में ही रहीं। फिर शर्मीला की दूसरी शादी हुई। पहली शादी से मिले दर्द के बाद दूसरी शादी से भी उन्हें उम्मीदें नहीं थीं लेकिन यहां से उन्हें सपोर्ट मिला।
दोबारा शुरू की जिंदगी, सपने को जिया
शर्मीला ने पीएम मोदी से बातचीत में बताया कि दूसरी शादी के बाद रेवाड़ी के कोच टेकचंद की देखरेख में उन्होंने मेहनत करनी शुरू कर दी। उम्र 34 वर्ष हो गई थी और शर्मील 2 बच्चियों की मां भी बन चुकी थीं। शर्मिला ने हार नहीं मानी और रोजाना 8 घंटे प्रैक्टिस करती रहीं। इसके बाद उन्होंने नेशनल चैंपियनशिप जीती। अब कॉमनवेल्थ में खेलने जा रही हैं। शर्मिला की दोनों बेटियां भी स्पोर्ट्स से जुड़ी हैं। उनकी बड़ी बेटी जेवलिन और छोटी बेटी टेबल टेनिस की प्लेयर है। शर्मिला ने कहा कि वे अपनी दोनों बेटियों को स्पोर्ट्स में बेहतर करते देखना चाहती हैं।
पीएम मोदी ने की शर्मिला की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब शर्मिला की बात सुनी तो हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि आपकी कहानी ऐसी है कि कोई और होता तो हार मान लेता। आप सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। आपने साबित कर दिया है कि अगर जीतने का जज्बा हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। पीएम ने कहा कि हर मुश्किल चुनौती आपके हौसले के सामने हार जाती है।
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