सार
कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मोदी सरकार केंद्र में है और कई प्रदेशों में भाजपा की सरकारें हैं। भाजपा की ये सरकारें गरीबों, हाशिए पर खड़े मजलूम किसानों, नौजवानों, महिलाओं को खून के आंसू रुलाने का काम कर रही हैं। ’’
नई दिल्ली(New Delhi). कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्यों की भाजपा सरकारों की नीतियों के चलते किसान इन दिनों खून के आंसू रो रहे हैं और महाराष्ट्र में किसान आत्महत्या के आंकड़े दोगुने हो गए हैं।
पार्टी प्रवक्ता रागिनी नायक ने संवाददाताओं से कहा, "मोदी सरकार केंद्र में है और कई प्रदेशों में भाजपा की सरकारें हैं। भाजपा की ये सरकारें गरीबों, हाशिए पर खड़े मजलूम किसानों, नौजवानों, महिलाओं को खून के आंसू रुलाने का काम कर रही हैं।"
महाराष्ट्र में हर रोज 8 किसान कर रहे आत्महत्या, किसानों की आय की बजाय आत्महत्या को दोगुना कर दिया
कांग्रेस नेता ने दावा किया, "मैं समझती हूँ कि किसानों की आत्महत्या को हम रोमांचकारी आंकड़ों में जिस तरह से तब्दील कर देते हैं वो बात सही नहीं है, लेकिन कई बार परेशानी को पूर्ण रूप से समझने के लिए कुछ तथ्यों का सामने आना भी बहुत जरुरी है। महाराष्ट्र की कृषि विकास दर एक प्रतिशत भी नहीं है। पिछले पांच साल में 12,800 किसान आत्महत्या कर चुके हैं, अगर आप औसत लगाएंगे तो करीब-करीब 8 किसान हर रोज आत्महत्या कर रहे हैं। फसल बीमा योजना महराष्ट्र में इतनी विफल रही है कि 2017 में योजना लागू करने के बाद से 19 लाख किसानों ने अपने आप को इससे दूर कर लिया। यह योजना अंततः बीमा कंपनी का और कॉरपोरेट सेक्टर की जेब भरने का ही काम करती है।"
उन्होंने दावा किया कि फडणवीस सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने का वादा किया था, लेकिन उसने सिर्फ किसानों की आत्महत्या को दोगुना कर दिया है।
खट्टर जी अब गलत बयानबाजी के मास्टरमाइंड
उन्होंने कहा, "हरियाणा के कृषि मंत्री का यह बयान आप लोगों को याद ही होगा कि जो किसान आत्महत्या करता है, वो कायर है। मैं समझती हूँ कि मुख्यमंत्री खट्टर जी तो गलत बयानबाजी के अब मास्टरमाइंड बनते जा रहे हैं। उन्होंने तो ये कहा था कि किसानों के ऋण को कभी माफ करना ही नहीं चाहिए क्योंकि ये किसान को कामचोर और हरामखोर बनाता है।"
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार और राज्य की भाजपा सरकारें किसानों को लेकर संवेदनहीन रही हैं।
[यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है]