सार
उत्तराखंड कांग्रेस (Congress) विधायक प्रीतम सिंह ने कहा- आज हमें पार्टी नेतृत्व द्वारा बुलाया गया है। यहां पार्टी जो निर्देश देगी, हम उसके आधार पर आगे बढ़ेंगे। सूत्रों के मुताबिक बुधवार को हरीश रावत के ट्वीट के बाद प्रियंका ने उनसे बात की थी। इसके बाद पार्टी ने उन्हें मीटिंग के लिए दिल्ली बुलाया।
नई दिल्ली। राजस्थान, पंजाब और छत्तीसगढ़ के बाद अब उत्तराखंड में कांग्रेस मुश्किल दौर में है। चुनाव से ऐन पहले हरीश रावत के एक ट्वीट से पार्टी में हड़कंप मचा है। इसी को लेकर आज हरीश रावत को दिल्ली में आलाकमान ने तलब किया है। वहां उत्तराखंड मुद्दे को लेकर हाई लेवल मीटिंग होगी। इससे पहले उत्तराखंड कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कहा- आज हमें पार्टी नेतृत्व द्वारा बुलाया गया है। यहां पार्टी जो निर्देश देगी, हम उसके आधार पर आगे बढ़ेंगे। सूत्रों के मुताबिक बुधवार को हरीश रावत के ट्वीट के बाद प्रियंका ने उनसे बात की थी। इसके बाद पार्टी ने उन्हें मीटिंग के लिए दिल्ली बुलाया।
विधायक बोले- मैं छोटा नेता, नहीं बोल सकता
हरीश रावत के ट्वीट के सवाल पर सिंह ने कहा - मैं एक छोटा सा नेता हूं। हरीश रावत जी हमारे वरिष्ठ नेता हैं। मैं उनके ट्वीट पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। पार्टी नेतृत्व ने बैठक बुलाई है, जो भी दिशा-निर्देश दिए जाएंगे हम उनका पालन करेंगे। कांग्रेस के सभी सदस्य इसका पालन करेंगे। प्रीतम सिंह ने कहा कि पार्टी के अंदर कोई संघर्ष नहीं है। उत्तराखंड कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के मार्गदर्शन में काम कर रही है।
मीटिंग का एजेंडा नहीं मालूम, पर 2022 का चुनाव जीतेंगे
प्रीतम ने कहा- 2022 में हम निश्चित रूप से विधानसभा चुनाव जीतेंगे। मैं हरीश जी के ट्वीट पर कुछ भी टिप्पणी नहीं कर सकता। मैं एक छोटा नेता हूं। मैं किसी से परेशान नहीं होता। सिंह ने कहा-आज दिल्ली में बुलाई गई बैठक का एजेंडा नहीं पता। हम पार्टी आलाकमान के पास जा रहे हैं, जहां कई मुद्दों पर चर्चा होगी।
बुधवार को रावत के ट्वीट से मचा था हड़कंप
रावत ने बुधवार को अपने ट्वीट के जरिये राज्य इकाई में गुटबाजी पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था - 'क्या यह अजीब नहीं है, आगामी चुनावी लड़ाई के रूप में किसी को समुद्र में तैरना पड़ता है, सहयोग के बजाय ज्यादातर जगहों पर संगठनात्मक ढांचा अपना मुंह मोड़ रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। सत्ता के कई मगरमच्छ हैं। जिनके इशारे पर तैरना है, उनके उम्मीदवार मेरे हाथ-पैर बांध रहे हैं। रावत ने गीता से जुड़ी पंक्तियों का भी हवाला दिया था। लिखा था... फिर चुपचाप मेरे मन के एक कोने में, एक आवाज उठ रही है, 'न देननाम, न पलयणं' (जो झुकता या भागता नहीं है)। शायद नया साल रास्ता दिखाएगा। उन्होंने कहा था - मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ प्रदान करेंगे मुझे इस स्थिति में मार्गदर्शन।
कांग्रेस के संकटमोचक रहे हैं रावत
कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य रावत कांग्रेस के प्रमुख संकटमोचक माने जाते हैं। उन्हें उत्तराखंड में चुनाव के लिए पार्टी के चेहरे के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों में उत्तराखंड में सत्ता में वापसी करने की इच्छुक है। रावत जाहिर तौर पर राज्य में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किए जाने के इच्छुक हैं। हालांकि, पार्टी के नेताओं ने अब तक कहा है कि चुनाव "सामूहिक नेतृत्व" के तहत होंगे।
उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
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