सार

चुनाव संचालन नियम 1961 में बदलाव को लेकर कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पार्टी का आरोप है कि इन बदलावों से चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता कम होगी और जनता को अहम जानकारी नहीं मिल पाएगी।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में चुनाव संचालन नियम 1961 में बदलाव किए गए हैं। कांग्रेस पार्टी ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। पार्टी द्वारा कोर्ट में एक रिट याचिका दायर किया गया है। अपनी याचिका में कांग्रेस ने कहा है कि चुनाव आयोग के परामर्श से किए गए इन बदलावों से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही कम होगी।

कांग्रेस के अनुसार नए संशोधन से महत्वपूर्ण चुनाव संबंधी सामग्रियों खासकर सीसीटीवी फुटेज जैसे इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड तक जनता की पहुंच बंद होगी। ये मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता तय करने के लिए जरूरी हैं।

जयराम रमेश बोले- चुनाव आयोग को इतना बड़ा बदलाव करने नहीं दे सकते

कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने X पर पार्टी के इस कदम की घोषणा करते हुए कहा, "निर्वाचनों का संचालन नियम 1961 में हाल के संशोधनों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक रिट दायर की गई है। चुनाव आयोग एक संवैधानिक निकाय है। इस पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी है। इसलिए इसे एकतरफा और सार्वजनिक विचार-विमर्श के बिना इतने महत्वपूर्ण नियम में इतनी निर्लज्जता से संशोधन करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।"

 

 

जयराम रमेश ने पोस्ट किया, "ऐसे में तो विशेष रूप से नहीं जब वह संशोधन चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने वाली आवश्यक जानकारी तक सार्वजनिक पहुंच को समाप्त करता है। चुनावी प्रक्रिया में सत्यनिष्ठा तेजी से कम हो रही है। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इसे बहाल करने में मदद करेगा।"

बता दें कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से जुड़े एक मामले में आदेश दिया था कि निर्वाचन आयोग सीसीटीवी फुटेज और अन्य चुनाव संबंधी सामग्री जारी करे। इसके बाद केंद्र सरकार ने ये बदलाव किए हैं। इसको लेकर कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर है।

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