सार

चुनाव बाद हिंसा को लेकर चर्चित रहे पश्चिम बंगाल में एक बार फिर सुर्खियों में है। बीरभूमि में कई लोगों को जिंदा जलाने की घटना से पूरा देश आहत है। 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हिंसा (West Bengal Violence) के खिलाफ विपक्षी दल एकजुट नजर आ रहे हैं। बीजेपी (BJP) के बाद अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने ममता बनर्जी सरकार पर कानून-व्यवस्था नहीं संभाल पाने का आरोप लगाया है। चौधरी ने राज्य में ध्वस्त हो चुकी कानून-व्यवस्था को देखते हुए अनुच्छेद 355 के तहत कार्रवाई की मांग की है। श्री चौधरी बीते फरवरी में हुई छात्र नेता अनीस खान की रहस्यमय मौत की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर हावड़ा के कदमतला से शहर के एस्प्लेनेड इलाके तक 'पदयात्रा' का नेतृत्व कर रहे थे।

ममता सरकार में एक के बाद घटनाएं हो रहीं

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में एक के बाद एक घटना हो रही है। छात्र नेता अनीस खान को उनके घर की तीसरी मंजिल से नीचे धकेल दिया गया और असली साजिशकर्ताओं को बचाने के लिए राज्य द्वारा संचालित जांच हो रही है। फिर बीरभूम जिले के रामपुरहाट में यह बर्बर घटना जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित आठ लोगों को जला दिया गया था। झालदा नगर पालिका में हमारे पार्षद तपन कंडू को बिंदु-रिक्त सीमा से मार दिया गया था लेकिन कोई उचित जांच नहीं हुई है। ये सभी घटनाएं राज्य में कानून और व्यवस्था के पतन और सत्तारूढ़ टीएमसी की मिलीभगत की ओर इशारा करते हैं।

कांग्रेसी नेता ने कहा कि इन परिस्थितियों में, सबसे पुरानी पार्टी पश्चिम बंगाल में अनुच्छेद 355 की घोषणा के पक्ष में थी है। सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस और 'पुलिस मंत्री' (कानून व्यवस्था की देखभाल करने वाली मंत्री) ममता बनर्जी स्थिति को नियंत्रित करने में बुरी तरह विफल रही हैं। श्री चौधरी ने पश्चिम बंगाल में अनुच्छेद 355 लागू करने के मुद्दे के संबंध में केंद्रीय नेतृत्व की चुप्पी के लिए भाजपा पर भी कटाक्ष किया और राज्य और केंद्र की सरकारों के बीच एक गुप्त समझ का संकेत दिया।

क्या है अनुच्छेद 355?

संविधान का अनुच्छेद 355 एक आपातकालीन प्रावधान से संबंधित है। इसके तहत राज्य में केंद्र हस्तक्षेप कर सकता है। यह हस्तक्षेप राज्य में आंतरिक शांति में भंग या बाहरी आक्रमण की वजह से सुरक्षा और शांति प्रभावित हुई हो तो केंद्र हस्तक्षेप कर सकता है।

कांग्रेस नेता ने बुधवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पत्र लिखकर उनसे पश्चिम बंगाल में अनुच्छेद 355 लागू करने का आग्रह किया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार काम करे।

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