सार
कांग्रेस नेता महेंद्र प्रताप सिंह के आरोप लगाया है कि 2019 के पुलवामा हमले में भारत सरकार का रोल था। उनके इस बयान से विवाद खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर लोग तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रचार के क्रम में कांग्रेस नेता महेंद्र प्रताप सिंह ने केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि 2019 के पुलवामा हमले में मोदी सरकार का रोल था। इस मामले को लेकर भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रही है।
पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की जान गई थी। इस मामले को लेकर विवादित बयान देने वाले महेंद्र प्रताप सिंह हरियाणा के फरीदाबाद से कांग्रेस उम्मीदवार हैं। महेंद्र प्रताप ने अपने बयान में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का जिक्र किया है।
महेंद्र प्रताप बोले-पुलवामा सबके सामने है, राज्यपाल ने सारे भेद खोल दिए
सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में सुना जा सकता है। महेंद्र प्रताप कहते हैं, "पुलवामा सबके सामने है। पुलवामा सबके सामने, देश के सामने खुल गया। उनके राज्यपाल ने सारे भेद खोल दिए कि मैं तो कश्मीर का गवर्नर था। मैंने सारी कोशिश की, प्रधानमंत्री को टेलीफोन किया कि आप ऐसा न करिए। उन्हें सारी राज का पता लग गया। हमें एयर लिफ्ट दे दीजिए, हम इस रास्ते नहीं भेजना चाहते। उन्होंने कहा ये तुम्हारा काम नहीं है। तुम अपना काम करिए। और वो खेल हो गया। इस खुलासे के बाद तो कोई दूसरा सबूत नहीं है। फिर भी हम न मानें तो भइया फिर तो ईश्वर ही मालिक है। इससे बड़ी कोताही नहीं है। दूसरी पारी में पुलवामा हो गया। अब तीसरी पारी की तैयारी है।"
14 फरवरी 2019 को हुआ था पुलवामा हमला
बता दें कि 14 फरवरी 2019 को हुआ पुलवामा हमला हाल में भारतीय सेना पर हुआ सबसे बड़ा हमला है। पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने सेना का काफिले पर हमला किया था। हमले के जवाब में 26 फरवरी को इंडियन एयर फोर्स ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शिविरों पर हवाई हमले किए थे। अक्टूबर 2020 में पाकिस्तान के तत्कालीन साइंस और टेक्नोलॉजी मंत्री फवाद चौधरी ने स्वीकार किया था कि इस्लामाबाद उस घातक आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार था। इसके चलते दोनों देश युद्ध के कगार पर आ गए थे।
सत्यपाल मलिक ने लगाया था ये आरोप
2023 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि मांग किए जाने के बाद भी पुलवामा में सीआरपीएफ कर्मियों को ले जाने के लिए विमान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा था, “मैंने 14 फरवरी 2019 की शाम को प्रधानमंत्री को बताया था कि यह हमारी गलती के कारण हुआ है। अगर हमने विमान दे दिया होता तो ऐसा नहीं होता। उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे अब चुप रहना चाहिए।”
महेंद्र प्रताप सिंह से पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार और पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा ने भी विवादित बयान दिए थे। शनिवार को वडेट्टीवार ने आरोप लगाया था कि 2008 में 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के दौरान एटीएस के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने नहीं बल्कि आरएसएस से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने गोली मारी थी।
चरणजीत चन्नी ने रविवार को पूंछ में हुए आतंकी हमले को भाजपा की 'स्टंटबाजी' कहा था। इस हमले में भारतीय वायुसेना के एक जवान की मौत हुई थी। राजा वारिंग ने पुलवामा हमले को 'रहस्य' बताया था और कहा था कि भाजपा ‘चुनाव के दौरान किसी भी हथकंडे का सहारा लेती है।’
अमित मालवीय ने कहा- पाकिस्तान को खुली छूट दे रही कांग्रेस
महेंद्र प्रताप सिंह के बयान पर भाजपा ने करारा पलटवार किया है। भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर पोस्ट किया, "चरणजीत सिंह चन्नी के बाद, महेंद्र प्रताप सिंह ने पुलवामा में हमारे सैनिकों पर हमले पर सवाल उठाया। कांग्रेस हमारे जवानों की शहादत को कम आंक रही है और पाकिस्तान को खुली छूट दे रही है। यह तब है जब पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी ने संसद में आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है।"
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन ए सिन्हा ने कहा, "महेंद्र प्रताप सिंह ने खुले तौर पर कहा कि पुलवामा हमला पाकिस्तान ने नहीं किया था। इसके पीछे भारत सरकार थी। कांग्रेस पार्टी देश के लिए शर्मिंदगी है।"