सार
नेशनल न्यूज। कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता नटवर सिंह का शनिवार की रात को निधन हो गया। उनकी मौत की जानकारी पर कांग्रेस नेताओं और पदाधिकारियों में शोक की लहर दौड़ गई। दिवंगत नेता ने विदेश मंत्री के रूप में भी कार्य किया है। वह 93 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। करीब दो सप्ताह पहले ही उन्हें गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां इलाज के दौरान ही उन्होंने अंतिम सांसें लीं। कांग्रेस, भाजपा समेत तमाम राजनीतिक दलों ने पूर्व विदेश मंत्री ने निधन पर शोक व्यक्त किया है। कल उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
आज दिल्ली में होगा अंतिस संस्कार
कांग्रेस के दिवंगत नेता का अंतिम संस्कार कल दिल्ली में किया जाएगा। दाह संस्कार में कांग्रेस समेत देश के अन्य प्रमुख दलों को तमाम नेता और पदाधिकारी भी शामिलस होंगे। राजस्थान से उनके परिवार वाले और कई नजदीकी रिश्तेदारों के भी आने की जानकारी मिल रही है।
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राजस्थान के थे मूल निवासी, IFS के लिए चुने गए थे नटवर सिंह
कांग्रेस के दिवंगत नेता नटवर सिंह मलत: राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा वहीं हुई थी। नटवर सिंह की गिनती स्कूल-कॉलेजों के दिनों में होनहार छात्रों में की जाती थी। उन्होंने 1953 में सिविल सर्विस का एग्जाम पास किया था और इंडियन फॉरेन सर्विस के लिए चुने गए थे। कुछ साल नौकरी करने के बाद 1984 में उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था और राजनीति के क्षेत्र में आ गए थे। 1985 में उन्हें विदेश राज्य मंत्री भी बनाया गया था। वह पाकिस्तान में भारतीय राजदूत के रूप में भी काम कर चुके हैं। इसके साथ ही 2004-05 में मनमोहन सिंह के पीएम होने के कार्यकाल में वह यूपीए सरकार में विदेश मंत्री भी थे।
नटवर सिंह ने कई किताबें भी लिखीं
नटवर सिंह को लेखन का भी शौक था। उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं। इनमें 'द लिगेसी ऑफ नेहरू: ए मेमोरियल ट्रिब्यूट', 'टेल्स फ्रॉम माडर्न इंडिया', 'ट्रेजर्ड एपिस्टल्स' के साथ ही अपनी आत्मकथा 'वन लाइफ इज नॉट इनफ' शामिल है।