सार

विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने कहा है कि दक्षिण-पूर्व एशिया के क्षेत्रों में रिकॉर्ड किए गए कोरोना के 23.1 मिलियन मामलों मे से 86% से अधिक भारत में मिले। इसके लिए कोरोना के नए वेरिएंट B.1.617 को जिम्मेदार माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह 44 देशों सहित 53 क्षेत्रों में पहुंच गया है। हालांकि यह विवाद का विषय है। क्योंकि भारत तर्क दे चुका है कि WHO ने इसके साथ भारतीय वेरिएंट शब्द नहीं जोड़ा है।

नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन( WHO) के कोरोना को लेकर किए गए खुलासे के बाद अब संयुक्त राष्ट्र(UN) की स्वास्थ्य एजेंसी ने भी दावा किया है कि भारत से निकला कोरोना का डबल म्यूटेंट वेरिएंट B.1.617 अब तक 44 देशों में फैल चुका है। WHO ने कहा है कि यह 53 क्षेत्रों(territories) में दर्ज किया गया है। बुधवार को WHO ने 'ग्लोबल हेल्थ वॉच डॉग' वीकली रिपोर्ट जारी की। इसमें कहा गया कि यह वेरिएंट 60 क्षेत्रों तक फैल सकता है। WHO ने कहा है कि दक्षिण-पूर्व एशिया के क्षेत्रों में रिकॉर्ड किए गए कोरोना के 23.1 मिलियन मामलों मे से 86% से अधिक भारत में मिले। इसके लिए कोरोना के नए वेरिएंट B.1.617 को जिम्मेदार माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह 44 देशों सहित 53 क्षेत्रों में पहुंच गया है। हालांकि यह विवाद का विषय है। क्योंकि भारत तर्क दे चुका है कि WHO ने इसके साथ भारतीय वेरिएंट शब्द नहीं जोड़ा है।

इसे तीन भागों में बांटा है
कोरोना का नया वेरिएंट B.1.617 अपने मूल वायरस की तुलना में तेजी से फैल रहा है। WHO ने अपनी वीकली रिपोर्ट में खुलासा किया कि B.1.617 अपने तीन सब-लीनिएज (Lineage) यानी वंशावली (B.1.617.1, B.1.617.2 और B.1.617.3) के साथ 44 देशों में फैल चुका है। जबकि भारत में दो-तिहाई सैम्‍पल्‍स में यही वेरिएंट मिला है। यह यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, सिंगापुर, आयरलैंड, कनाडा, फिजी, ऑस्‍ट्रेलिया, जर्मनी, इजरायल, डेनमार्क, जापान, बहरीन, बेल्जियम, पोलैंड आदि में भी मिला है। भारत में दिल्ली, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पुडुचेरी, बिहार और छत्तीसगढ़ में यह वेरिएंट खूब मिला है। WHO ने 12 मई को इसका खुलासा किया था। यूके के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन इस वेरिएंट को लेकर चिंतित दिखाई दिए। वहीं, विशेषज्ञों ने यूके से अभी पाबंदियां हटाए जाने के फैसले पर भी विचार करने को कहा है। 

B.1.617 वेरिएंट के कारण मौतें बढ़ीं
WHO ने बुधवार को खुलासा किया था कि B.1.617 वेरिएंट अपने पूर्व के वेरिएंट की तुलना में तेजी से फैलता है। इस वजह से भारत में मौतें बढ़ रही हैं। हालांकि WHO का मानना है कि वैक्सीनेशन से इसे रोका जा सकता है। WHO में कोविड-19 तकनीकी दल से जुड़ीं डॉ मारिया वैन केरखोव कहती हैं कि कहा कि सबसे पहले भारत में वायरस का वेरिएंट B.1.617 सामने आया था। इसे वैश्वि स्तर पर चिंताजनक वेरिएंट कैटेगरी में रखा गया है। यह वेरिएंट युवाओं को तेजी से अपनी जद में ले रहा है।

भारत ने इसे अफवाह माना
हालांकि भारत सरकार ने इसे लेकर मीडिया में प्रकाशित खबरों पर आपत्ति जताई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 21 मई को कहा था कि WHO ने अपने 32 पन्नों के दस्तावेज में कोरोना वायरस के B.1.617 वैरिएंट के साथ 'भारतीय वैरिएंट' शब्द नहीं जोड़ा है, इसलिए सोशल मीडिया कंपनियां इसे अपने प्लेटफॉर्म से हटा दें।केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने दिल्ली में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक के दौरान कहा था कि करीब 65 फीसदी नमूनों में यही B.1.617 वैरियंट पाया गया। इसके आधार पर कहा जा सकता है कि यह एक कॉमन वैरियंट्स  है।
 

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