कोरोना में काफी संख्या में कामकाजी महिलाओं और युवतियों की नौकरी गई है। घर की कमाने वाली सदस्य होने के नाते उन पर परिवार की जिम्मेदारी ने सरोगेट मदर बनने को मजबूर किया है।
अहमदाबाद। कोरोना ने लाखों लोगों का जीवन तबाह कर दिया है। लाखों नौकरियां कोरोना काल में चली गई जिसकी वजह से दो वक्त का भोजन तक जुटाना मुश्किल होने लगा है। मिडल क्लास या लोअर क्लास जीवन चलाने के लिए सबसे अधिक परेशान है। आलम यह कि महिलाएं और लड़कियां आजीविका केलिए सरोगेट मदर बनने को तैयार हैं। यहां तक कुंवारी युवतियां भी अपना कोख किराए पर दे रही हैं क्योंकि नौकरी जाने के बाद उनके पास जीविका के लिए कोई दूसरा साधन नहीं है।
गुजरात में 20-25 ऐसे केस
गुजरात में काफी संख्या में कामकाजी महिलाओं और युवतियों की नौकरी गई है। घर की कमाने वाली सदस्य होने के नाते उन पर परिवार की जिम्मेदारी ने सरोगेट मदर बनने को मजबूर किया है। गुजरात में करीब 20-25 मामले ऐसे हैं जिसमें सरोगेट मदर महिलाएं व युवतियां बन रही। जानकार बताते हैं कि सरोगेट मदर बनने वाली महिलाओं या युवतियों को 3 से 4 लाख रुपये किराए पर कोख लेने वाले की तरफ से मिलता है। साथ ही सारी मेडिकल फैसिलिटी या उसका खर्च भी उसी को उठाना पड़ता है। ऐसे में जाॅबलेस हुई युवतियां या महिलाएं आसानी से यह काम स्वीकार कर ले रहीं।
पूर्वी अहमदाबाद की रहने वाली 23 साल की एक युवती भी काम छूटने के बाद घर की जिम्मेदारियों के चलते यह काम स्वीकार किया है। युवती बताती है कि उसकी शादी नहीं हुई है। घर पर मां है। पिता ने मां को छोड़कर दूसरा घर बसा लिया। मां और मैं दूसरों के घर पर काम करते थे लेकिन कोरोना से सब बंद कर दिया। जहां रहते हैं वह किराए पर है। किराया बढ़ रहा साथ ही भोजन का भी संकट है। ऐसे में सरोगेट मदर बनने के लिए एक अस्पताल के संपर्क में आई। उन लोगों ने एक दंपत्ति से मुलाकात कराई। इसके लिए उसे पैसे भी मिले हैं जिससे कम से कम घर का खर्च चल पा रहा।
इसी तरह सुनैना (बदला हुआ नाम) नाम की एक महिला के पति की नौकरी चली गई। नौकरी जाने के बाद घर खर्च चलाने पर भी संकट आ गया। धीरे-धीरे सामान बिकने लगा। रेखा ने पति को सरोगेसी के लिए मनाया। पति की मंजूरी के बाद उसने सरोगेट मदर बनकर घर पर आए संकट को दूर किया।
दफ्तर और पढ़ने वाले बच्चों के लिए टिफिन का काम करने वाली एक महिला भी कोरोना की वजह से परेशान थी। कोरोना से अच्छी खासी आमदनी को बर्बाद कर दिया। उसने भी एक अस्पताल के माध्यम से कोख किराए पर देकर आजीविका चलाने का निर्णय लिया है।
Asianet News काविनम्रअनुरोधःआईएसाथमिलकरकोरोनाकोहराएं, जिंदगीकोजिताएं...।जबभीघरसेबाहरनिकलेंमाॅस्कजरूरपहनें, हाथोंकोसैनिटाइजकरतेरहें, सोशलडिस्टेंसिंगकापालनकरें।वैक्सीनलगवाएं।हमसबमिलकरकोरोनाकेखिलाफजंगजीतेंगेऔरकोविडचेनकोतोडेंगे। #ANCares #IndiaFightsCorona
